मोइन नज़र की गज़ल पुस्तक , इतना टोटा हाें की, प्रकाशित होई।
विश्व प्रसिद्ध ग़ज़ल , इतना टूट हों कि मैं छोने से बिखर जाओंगा, कवि मोइन नज़र की गज़ल पुस्तक प्रकाशित हुई। । इस पुस्तक में कविताओं, गीतों, नात, गज़ल, शायरी, दोहा, मनकबत, और मोइन नज़र द्वारा लिखे गए फिल्मी गीतों का पूरा सेट है, उन्हों ने आपने ग़ज़लों के अलावा कई फ़िल्मी गीत लिखे हैं। मोइन नज़र का कहना है कि वह उस समय से कविताएँ लिखते हैं जब वह सातवीं कक्षा में थे, उनके पूर्वज राय बरेली जिले के सलोन तहसील के एक छोटे से गाँव में रहते थे। बचपन में वह उनके दादा स्वर्गीय जुमा खान के साथ रहते थे । वह गज़ल लिखते थे। और जब भी वह कोई नया गज़ल या कविता को लिखते थे तो वह हमें सोनाते और उसे लिखने के लिए कहते थे। , मैं उनकी शायरी और ग़ज़लों से इतना प्रभावित हो कि मुझे भी ग़ज़ल लिखने का सौक पैदा हो । तब से ही में गज़ल लिख रहा हूं। मोइन नज़र को गज़ल और शायरी लिखने का इस कदर लगन है कि वह आज भी नियमित रूप से गीत , गज़ल और कविताएं लिखते हैं, अब तक उन्होंने हजारों गीत और गज़ल लिखी हैं।