रिकवरी एजेंट की धमकियों से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या की कोशिश।
पुलिस उपायुक्त प्रशांत कदम ने बचाई युवक की जान।
मुंबई:-मनोज दुबे
कोरोना काल और लगातार चल रहे लॉकडाउन की वजह से आज लोगो को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।कई लोगो की नोकरी और रोजगार खत्म हो चुके है लोग खाने के मोहताज हो चुके है।लोगो के पास बिजली के बिल स्कूल फीस भरने तक के पैसे नही है।
पुलिस उपायुक्त प्रशांत कदम
ऐसे वक्त में भी लगातार बैंको के रिकवरी एजेंट द्वारा लोगो को फ़ोन पे धमकी देना और गाली गलौच करने का काम बिंदास चालू है।रिकवरी एजेंट सिर्फ चंद पैसो के लिए ग्राहकों को गाली दे रहे है उनके घर आकर जबरन पैसा वसूली कर रहे है।पैसे ना मिलने पर ग्राहक के रिश्तेदार दोस्त सभी के नंबर पे फोन करके डराने धमकाने का काम कर रहे है।रिकवरी एजेंटों पे कार्रवाई ना होने की वजह से इनका मनोबल बढ़ा हुआ है।
ऐसा ही एक मामला मुलुंड का सामने आया है जहाँ एक युवक लॉकडाउन के चलते कुछ महीनों से अपने क्रेडिट कार्ड की बाकी ईएमआई नही भर पा रहा था।जिसे लगातार रिकवरी एजेंटों द्वारा डराया धमकाया जा रहा था।जिसकी वजह से युवक मानसिक पतड़ना के चलते आत्महत्या करने की कोशिश करने लगा।युवक की पत्नी किसी अस्तपाल में नर्स का काम करती है उसने इस बात की जानकारी समाज सेवक और पत्रकार बिनु वर्गीस को दी।बीनू वर्गीस ने सही वक्त पे इस बात की जानकारी परिमंडल साथ के पुलिस उपायुक्त प्रशांत कदम को दी।
पुलिस उपायुक्त ने युवक के मोबाइल नंबर को ट्रेस करके तुरंत उसे ढूंढ निकाला और युवक को आत्महत्या करने से रोका।