रेलवे पास के लिए डॉक्टर बनाने लगा लोगों का फर्जी आईडी कार्ड पुलिस ने डॉक्टर को कुर्ला से धर दबोचा।
मुंबई के कुर्ला इलाके से एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है बताया जा रहा है कि आरोपी डॉक्टर पैसों के लिए लोगो को नकली पहचान पत्र बनाकर देने का काम कर रहा था।
15 लाख कर्ज़ चुकाने के लिए आरोपी मिश्रा ने चुना गलत रास्ता।
मुंबई साइबर पुलिस ने एक ३५ साल के न्यूरोथेरिपिस्ट को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम शिव आजाद मिश्रा है इस आरोपी ने अपना 15 लाख रुपये का कर्जा चुकाने के लिए गलत रास्ता चुन ली और लोगों को हेल्थ वर्कर होने का फर्जी आईडी कार्ड बनाकर देने लगा।
इन फर्जी आईडी कार्ड का इस्तेमाल लोग मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा करने के लिए इस्तेमाल करने लगे।
कोरोना काल मे वायरस संक्रमण लोगों में ज्यादा न फैले इसलिए सामान्य नागरिकों को मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति अभी तक नहीं दी गई है।मार्च में लॉकडाउन के बाद से ही मुंबई में लोकल ट्रेन पूरी तरह से बंद कर दी गई थी जिसके बाद जून महीने में रेल फिर से शुरू हुई लेकिन सिर्फ डॉक्टर, हेल्थ वर्कर, बीएमसी कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी को ही इसमें सफर करने की अनुमति मिली थी।मुंबई में एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करने के लिए लोकल ट्रेन से सरल रास्ता है ऐसे में कई लोगों ने फर्जी आईडी कार्ड बनाकर रेलवे में यात्रा करने की कोशिश भी की जिसके बाद कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
मुंबई पुलिस साइबर सेल के सहायक पुलिस आयुक्त नितिन जाधव ने बताया कि उनकी सोशल मीडिया सर्विलांस टीम ने फेसबुक पर एक पोस्ट देखा था इस पोस्ट में लिखा गया था कि ‘अगर किसी को रेलवे पास चाहिए तो वो संपर्क करे। जिसके बाद साइबर पुलिस ने फर्जी ग्राहक बनकर उस नंबर से संपर्क किया और आरोपी ने 2000 रुपये में एक मेडिकल स्टाफ होने का फर्जी आईडी कार्ड बनाकर देने की बात कही।जिसके बाद पुलिस ने जालबिछाकर साजिश के तहत आरोपी से आईडी कार्ड बनाने का सौदा किया और आईडी कार्ड आरोपी से लेने के लिए उसे पुलिस ने कुर्ला में बुलाया जिसके बार आरोपी डिलीवरी देने के लिए कुर्ला आया जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी ने जांच में बताया कि उसका क्लिनिक लॉकडाउन के बाद से ही नहीं चल रहा था था और आरोपी के ऊपर 15 लाख रुपये का कर्जा था।आरोपी मिश्रा को ये बात पता थी कि मुंबई की लोकल ट्रेन में उन्हें ही यात्रा करने की अनुमति है जो लोग हेल्थ वर्कर्स हों या फिर डॉक्टर या सरकारी कर्मचारी हो।इस बात का फायदा उठाकर मिश्रा पैसों के लिए लोगो को फ़र्ज़ी आईडी कार्ड बनाकर बेचने लगा।अपने कर्ज को चुकाने के लिए आरोपी मिश्रा लोगों को डॉक्टर होने का या फिर डॉक्टर के पास काम करने वाला हेल्थ वर्कर होने का फर्जी आईडी कार्ड बनाकर देने लगा। उसके द्वारा फर्जी आईडी कार्ड के सहारे कई लोगों ने रेलवे का पास भी बनाया और रेलवे में सफर भी किया।
आरोपी एक कार्ड के एवज में एक व्यक्ति से 2000 से 3000 रुपये लेता था।इसके अलावा ये डॉक्टर लोगों को कमिशन का लालच देता था कि अगर किसी ने इसके पास कोई ग्राहक भेजा है तो वो उस शख्स को कमीशन के तौर पर 200 से 250 रुपये देगा।
आरोपी मिश्रा के पास से मुंबई पुलिस ने 6 कंप्यूटर, प्रिंटर और दो मोबाइल फोन जब्त किए है।पुलिस ने आरोपी मिश्रा पे केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।