दुःख का प्रतीक है मोहरम ताजिया
उर्दू कॅलेंडर का पहला महिना यांनी मोहरम।इस महिने की दसवी तारीख यांनी आशुरा के दिन मोहरम ताजिया मनाया जाता है।
इस दिन ताजिया के रूप मे मस्जिद के मकबरे की प्रतिकृती बनाई जाती है और उसका जुलूस निकाला जाता है।मंगलवार को मुंबई मे भी मोहरम मनाया गया।हजरत इमाम हुसेन की याद मे मोहरम मनाया जाता है।
कर्बला की लडाई मे धर्म की लडाई मे हजरत इमाम हुसेन भुखे प्यासे शहिद हुये थे उनके याद मे इस दिन लोगो को शरबत बनाकर बाटने की परंपरा निभाई जाती है।
ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के मेहंदी हसन चौक के पास भी शांतिपूर्ण तरीके के साथ पहुंची मातम जुलूस।शिया समुदाय के मुसलमानों के द्वारा दामोदरपुर से निकली यह जुलूस बेहद शांतिपूर्ण तरीके से पहुंची
।इस दौरान सुरक्षा के तमाम इंतेजाम रहे मौजूद।ब्रह्मपुरा पुलिस की टीम टीम के द्वारा अपनी मौजूदगी में निकलवाया मातम जुलूस।बता दें कि मोहर्रम को लेकर पूरे जिले में रही अमन शांति की वहीं कई सामाजिक कार्यकर्ता ने इस दौरान जुलुस में अपनी ओर से शांति पूर्वक दंग से निलकवाने में जिला पुलिस की मदद किया है।