कोलकाता : संदेशखाली को लेकर एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में सियासत गरमाई हुई है. पश्चिम बंगाल राजनीतिक दलों के लिए अखाड़ा बन चुका है. भाजपा और टीएमसी के बीच संदेशखाली की महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. इस खबर में जानिए कि आखिर संदेशखाली इस वक्त अशांत क्यों है और पूरा मामला क्या है.
तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को एक कथित स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया, जिसमें संदेशखाली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मंडल अध्यक्ष होने का दावा करने वाले गंगाधर कायल को यह कहते सुना जा सकता है कि पूरी साजिश के पीछे पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का हाथ है. हालांकि बीजेपी ने इस वीडियो को फर्जी करार देते हुए सारे आरोपों से इनकार किया है.
बता दें कि पिछले हफ्ते इसी ’वायरल वीडियो’ को लेकर सियासत हुई थी. जिस वायरल वीडियो में भाजपा का एक स्थानीय नेता ये कहता नजर आया था कि शुभेन्दु अधिकारी ने पैसे देकर संदेशखाली के मामले को बड़ा किया था.
इस वीडियो में मौजूद नेता ये भी कहता नजर आया था कि महिलाओं को पैसे देकर झूठे केस दर्ज कराए गए थे.
इस मामले के बाद एक महिला ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि मुझसे सफेद कागज पर साइन कराया गया. फिर बाद में मुझे पता चला कि मेरे नाम से रेप केस फाइल करवाया गया है.
इस महिला ने थाने में जाकर केस वापस लेने का आवेदन दिया है. महिला आरोप लगा रही है कि उन्हें इसके बाद से धमकी मिल रही है. इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस, जेएमएम के नेताओं सहित कइयों ने ट्वीट किया है. वहीं टीएमसी की नेता और मंत्री शशि पांजा ने कहा कि बीजेपी ने महिलाओं को पैसे देकर रेप का केस दर्ज करवाया है. कइयों से तो सफेद कागज पर साइन करवा लिया है. वे महिलाएं अब थाने में जाकर कह रही हैं कि हम केस वापस लेना चाहते हैं.
विस्तृत जानकारी अनुसार नियति मैती नामक एक महिला ने कहा कि ‘जिस दिन महिला आयोग की टीम पुलिस स्टेशन आई थी, उसी दिन पियाली ने हमें अपनी शिकायतें आयोग के साथ शेयर करने के लिए बुलाया था. मैंने उन्हें बताया कि हमें मनरेगा का जॉब कार्ड और खाना पकाने के लिए पैसे नहीं मिले हैं. हमें केवल वह पैसा चाहिए था और कोई अन्य शिकायत नहीं थी. हमारे साथ रेप जैसी कोई घटना नहीं हुई. हमसे एक सफेद कागज पर हस्ताक्षर करवाकर हमें फंसाया गया.’ ठीक इसी तरह का बयान 2 महिलाओं तापती मैती और मीरा मैती ने भी दिया है. उन्होंने कहा कि उनसे भी सफेद कागज पर दस्तखत करवाकर रेप की झूठी शिकायत दर्ज करवाई गई. इन महिलाओं ने भी अपनी शिकायत वापस लेने की बात कही है.
TMC ने संदेशखाली कांड पर बीजेपी को घेरा
अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि वोट पाने के लिए बंगाल की राजनीति का स्तर इतना नीचे गिर जाएगा… हम पहले दिन से कह रहे हैं कि चुनाव से पहले बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की गई.’ बता दें कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शाहजहां शेख सहित तृणमूल नेताओं के खिलाफ यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोप सामने आए हैं.
अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने की जमीन तैयार करने के लिए भाजपा ने संदेशखाली में पूरी घटना की पटकथा लिखी. उन्होंने कहा कि संदेशखाली में इस तरह के आरोपों से बंगाली महिलाओं के सम्मान से समझौता किया गया. तृणमूल नेता ने आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य राज्य को बदनाम करना है.
बनर्जी ने मांग की कि संदेशखाली को लेकर बंगाल को ‘बदनाम’ करने के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व 48 घंटे के भीतर माफी मांगे. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि अपनी चुनावी रैलियों के दौरान कई बार संदेशखाली घटनाओं का उल्लेख करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब इस पर क्या कहेंगे.
शुभेंदु अधिकारी ने वीडियो को बताया फर्जी
हालांकि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले में दावा किया है कि इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और कायल ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई है कि यह एक छेड़छाड़ वाला और एडिटेड वीडियो है. तृणमूल के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘यह एक फर्जी और छेड़छाड़ किया गया वीडियो है. ऐसा लगता है कि टीएमसी को (चुनाव में) हार का एहसास हो गया है और वह ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. संदेशखाली की महिलाओं द्वारा सैकड़ों शिकायतें की गई हैं.’
उधर बीजेपी के मंडल अध्यक्ष गंगाधर कायल ने सीबीआई को अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि सामने आया वीडियो ‘विलियम्स’ नाम के किसी व्यक्ति के स्वामित्व वाले असत्यापित यूट्यूब चैनल से अपलोड किया गया था. भाजपा के मंडल अध्यक्ष ने कहा, ‘यह देखा जा सकता है कि यह (वीडियो) मेरे चेहरे का उपयोग करके बनाया गया है और कृत्रिम मेधा (AI) के जरिये इसे आवाज दी गई है ताकी बड़े पैमाने पर जनता को गुमराह किया जा सके.’
संदेशखाली का पूरा मामला जानें
पश्चिम बंगाल के नार्थ 24 परगना जिले में संदेशखाली क्षेत्र इस साल की शुरुआत में ED की कार्रवाई के बाद तब सुर्खियों में आया था.
बता दें कि 5 जनवरी, 2024 को ED के अधिकारियों ने राशन भ्रष्टाचार मामले में संदेशखाली के सरबेड़िया में तृणमूल नेता शेख शाहजहां से पूछताछ करने पहुंचे हुए थे. TMC नेता शेख शाहजहां फरार हो गया था, इस दौरान अधिकारियों पर भी हमले किए गए थे.
इसके बाद से ही लोगों ने अपनी आवाज तेज कर दी और खुल कर सामने आ गए. गांव के लोग शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. इन प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हो गई थी. कालांतर में यह आंदोलन उग्र रूप लेता रहा.
फिर कथित तौर पर महिलाओं के एक गुट ने स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न करने और जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. बाद में शेख और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया था.
राज्यपाल बोस ने भी संदेशखाली का किया था दौरा
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया था और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की थी. इस दौरान राज्यपाल ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी.
राज्यपाल ने स्थानीय महिलाओं से कहा था कि चिंता मत कीजिए, आपको न्याय जरूर मिलेगा. महिलाओं को कहते सुना गया था कि वह अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहती हैं. वह और प्रताड़ना नहीं झेल सकतीं हैं. राज्यपाल ने संवाददाताओं से उस समय कहा था कि मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था.