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पुणे में एक कारोबारी के नाबालिग बेटे ने बीते सप्ताह पोर्श कार से दो इंजीनियरों को कुचल दिया था। इस भीषण हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं पुलिस ने उस नाबालिग पर नरमी बरती और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से सड़क हादसे पर निबंध लिखने जैसी सजा देकर ही छोड़ दिया गया था। इसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं और उसके दायरे में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार भी हैं। पवार को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने हादसे वाली रात पुणे के पुलिस कमिश्नर को फोन किया था और कहा था कि वे कारोबारी के बेटे के साथ नरमी बरतें।
ऐसा आरोप लगाने वालों में अंजलि दमानिया सबसे आगे हैं। अब उन पर अजित पवारने तीखा हमला बोला है। उन्होंने जवाब देते हए कहा कि मैं इस मामले में खुद को निर्दोष साबित करने के लिए नारको टेस्ट भी करा सकता हूं। लेकिन क्या जो मुझ पर आरोप लगा रही हैं, वह मेरे निर्दोष साबित होने पर संन्यास लेने को तैयार हैं? ऐक्टिविस्ट अंजलि दमानिया ने आरोप लगाया था कि अजित पवार ने पुणे के कमिश्नर अमितेश कुमार को फोन किया था। उनसे कहा था कि कारोबारी के बेटे के साथ सख्त ऐक्शन न लें।
वहीं अजित पवार ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि मैंने कमिश्नर को कॉल किया था। लेकिन इसलिए कि अमीर शख्स का बेटा यदि आरोपी है तो किसी तरह के दबाव में आए बिना कार्रवाई करें। एनसीपी नेता ने कहा, ‘एक जनप्रतिनिधि के तौर पर हमारे पास बहुत से कॉल आते हैं। ऐसे मामले भी आते ही हैं। मैंने कमिश्नर को क़ॉल किया था और कहा कि आरोपी नाबालिग लड़का अमीर परिवार से है। इसलिए ऐसा हो सकता है कि पुलिस दबाव में आ जाए। लेकिन ऐसा नहीं करना है। मैंने उनसे कहा कि किसी तरह के राजनीतिक दबाव में भी नहीं आना है।’
अंजलि दमानिया के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मराठी में बोलते हुए अजित पवार ने कहा कि मैं तो नारके कराने को भी तैयार हूं। यदि मैं सही साबित हुआ तो फिर अंजलि दमानिया को चुप रहना होगा। उन्हें घर बैठना होगा। क्या वे संन्यास लेंगी? बता दें कि इस मामले में अजित पवार खेमे के विधायक सुनील तिंगरे भी घिरे हुए हैं। आरोप है कि वह रात को 3 बजे इस मामले में पुलिस थाने गए थे। कहा जा रहा है कि उनके ही कहने पर पुलिस ने ऐक्शन में ढिलाई बरती थी।