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दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुंगेशपुरी में तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। तब दिल्ली समेत पूरे देश में खलबली मच गई थी और तापमान का सर्वाधिक रिकॉर्ड दर्ज किया गया था लेकिन अब महाराष्ट्र के नागपुर ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। वहां गुरुवार यानी 30 मई को तापमान दिल्ली के रिकॉर्ड को तोड़ गया। शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि नागपुर का तापमान 56 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है लेकिन आईएमडी ने अब कहा है कि वहां तापमान दर्ज करने में भूल हुई थी।
IMD ने नागपुर में 56 डिग्री टेम्पेरेचर के टॉर्चर पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक सेंसर की विफलता के कारण तापमान दर्ज करने में गड़बड़ी हुई है। IMD के मुताबिक, 30 मई को नागपुर के पीडीकेवी रामदासपेठ (AWS) पर अधिकतम तापमान 54.4 डिग्री सेल्सियस और एक अन्य स्टेशन नागपुर ने 52.2 डिग्री सेल्सियस तापमान ही रिकॉर्ड किया गया है। आईएमडी के मुताबिक, नागपुर में एक अन्य AWS और IMD वेधशाला स्टेशन पर अधिकतम तापमान 44-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
इस बीच, अप्रत्याशित तरीके से तापमान में बढ़ोत्तरी से नागपुर आग की भट्टी में तब्दील हो चुका है। लोग गरमी से परेशान हैं और उन्हें ये समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरी इतनी गर्मी क्यों और कैसे पड़ रही है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) चिंतित हो गया है। दिल्ली में तापमान 52.9 डिग्री पहुंचने पर IMD ने जांच के आदेश दिए थे। अब नागपुर में भी इसकी तहकीकात हुई तो पता चला कि सेंसर सही तरीके से काम नहीं कर रहा था।
इससे पहले TOI की रिपोर्ट में कहा गया था कि नागपुर में IMD द्वारा स्थापित चार स्वचालित मौसम केंद्रों में से दो ने असामान्य रूप से 50 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक का उच्च तापमान का रिकॉर्ड दिखाया है, जो दिल्ली के रिकॉर्ड से ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि नागपुर के उत्तरी अंबाझरी रोड से दूर रामदासपेठ में पीडीकेवी के 24 हेक्टेयर खुले कृषि क्षेत्र वाले खेत के बीच में स्थापित नागपुर AWS ने 56 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया है।
इसके अलावा सोनेगांव के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र पर 54 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। तीसरे मौसम केंद्र जो वर्धा रोड से दूर खापरी में केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के खेतों में स्थित है, वहां 44 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि रामटेक AWS ने भी 44 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया है।
बता दें कि पिछले दो हफ्ते से मध्य भारत, उत्तर भारत और पूर्वी भारत में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। रेमल चक्रवात के आने और तय समय से तीन दिन पहले मॉनसून के केरल पहुंचने के बाद एक दिन पहले ही आईएमडी ने कहा था कि अब धीरे-धीरे तापमान में कमी आएगी और मानसून आगे बढ़ने से लोगों को राहत मिलेगी लेकिन नागपुर में चढ़ते पारे ने स्थानीय लोगों को बेचैन कर दिया है। हालांकि, दिल्ली का अधिकतम तापमान कल 45 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया गया जो IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक है।