श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब रेल ब्रिज ट्रेन का ट्रायल सफलता के साथ सम्पन्न हो गया हैं। चिनाब नदी से लगभग 359 मीटर ऊपर बना यह पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। रेलवे अधिकारियों ने रविवार को रामबन जिले के संगलदान और जम्मू कश्मीर के रियासी के बीच नवनिर्मित चिनाब रेल पुल का निरीक्षण और ट्रायल किया।
बता दें कि रेलवे के माध्यम से कश्मीर से जोड़ने में चिनाब ब्रिज एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “पहली ट्रायल ट्रेन संगलदान से रियासी तक सफलतापूर्वक चली है, इसमें चिनाब ब्रिज को पार करना भी शामिल है। यूएसबीआरएल के लिए सभी निर्माण कार्य लगभग समाप्त हो चुके हैं, केवल सुरंग संख्या एक आंशिक रूप से अधूरी है।”
उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन 20 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
चिनाब ब्रिज के बारे में जानें
उल्लेखनीय है कि इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है। यह 260 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है। चिनाब रेल पुल के निर्माण में कुल 30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है।
यह पूरी रेलवे परियोजना इंजीनियरिंग के चमत्कारों से भरी हुई है, क्योंकि कटरा और बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर का अधिकांश भाग सुरंगों और पुलों से होकर गुजरता है. इसमें भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल भी है
इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है। चिनाब रेल पुल एक स्टील और कंक्रीट का आर्च ब्रिज है जो सिंगल-ट्रैक रेलवे लाइन को ले जाता है, जो भारत के जम्मू और कश्मीर के जम्मू डिवीजन के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच स्थित है।
इसके डेक की ऊंचाई: नदी तल से ऊपर – 359 मीटर (1,178 फीट), नदी की सतह से ऊपर – 322 मीटर (1,056 फीट) है।
पुल की लंबाई: 1,315 मीटर (4,314 फीट), जिसमें उत्तरी तरफ 650 मीटर (2,130 फीट) लंबा पुल भी शामिल है
मेहराब का विस्तार: 467 मीटर (1,532 फीट) है।
मेहराब की लंबाई: 480 मीटर (1,570 फीट हैं। इन विशिष्टाओ के साथ यह दुनिया का 16 सबसे ऊंचे पुल में प्रथम स्थान पर शामिल हैं और दुनिया का 11 वां सबसे लंबा आर्च ब्रिज हैं।
5 फीट 6 इंच ( 1,676 मिमी ) ब्रॉड गेज रेलवे नेटवर्क में सबसे लंबे फैलाव वाला पुल इसकी एक और विशिष्टता है।
यहां से ट्रेन 7 स्टेशनों से होकर बारामूला पहुंचेगी। इसका मकसद काश्मीर घाटी के लोगों के आने-जाने को आसान बनाना है।
यह परियोजना कुल 272 किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसमें से 209 किलोमीटर पहले ही चरणों में चालू हो चुकी है. शुरुआती चरण में अक्टूबर 2009 में 118 किलोमीटर का काजीगुंड-बारामुल्ला हिस्सा, उसके बाद जून 2013 में 18 किलोमीटर का बनिहाल-काजीगुंड हिस्सा, जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर का उधमपुर-कटरा हिस्सा और इस साल फरवरी में 48.1 किलोमीटर का बनिहाल-सांगलदान हिस्सा पूरा हुआ।
इस ब्रिज के शुरु होने से संगलदान-रियासी के हिस्से खुल जायेंगे और इसके चालू होने का मतलब है जम्मू और कश्मीर में रियासी के बीच एक वैकल्पिक संपर्क। इसके बाद कटरा स्टेशन को कश्मीर से जोड़ा जाएगा, जो एक नए चरण की शुरुआत होगी और घाटी के कन्याकुमारी से जुड़ने की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।