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भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओपनर शेफाली वर्मा ने सुक्रवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में ऐतिहासिक डबल सेंचुरी ठोकी। उन्होंने चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में तूफानी अंदाज में 205 रन बनाए। उन्होंने 197 गेंदों की पारी में 28 चौके और 8 सिक्स ठोके। शेफाली ने दोहरा शतक 194 गेंदों में पूरा किया और धांसू रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक बनाने वाली महिला खिलाड़ी बन गई हैं। बता दें कि 20 वर्षीय शेफाली को ताबड़ोतड़ बल्लेबाजी करने की वजह से ‘लेडी सहवाग’ भी कहा जाता है।
शेफाली की डबल सेंचुरी से तीन गजब के संयोग जुड़े हैं। उन्होंने जो कारनामा अंजाम दिया, कुछ उसी तरह का कमाल भारत के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 16 साल पहले किया था। दरअसल, सहवाग ने 2008 में चेपॉक के मैदान पर ही साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों की बुरी तरह कुटाई की थी। उन्होंने तब 304 गेंदों में 319 रन की पारी खेली थी। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि शेफाली की तरह सहवाग ने भी 194 गेंदों में 200 रन कंप्लीट किए थे।
सहवाग ने तब 190 का आंकड़ा छूने के बाद बेझिझक छक्का मारा था। ऐसा ही नजारा शेफाली की पारी के दौरान भी दिखा। शेफाली ने 73वें ओवर की शुरुआती दो गेंदों पर सिक्स जड़े और फिर सिंगल लेकर दोहरा शतक पूरा किया। तीसरा संयोग यह है कि शेफाली महिला टेस्ट और सहवाग पुरुष टेस्ट में सबसे तेज दोहरे शतक जड़ने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। सहवाग ने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ 168 गेंदों में डबल सेंचुरी पूरी की थी। उन्होंने 254 गेंदों में 293 रन जुटाए।
शेफाली लगभग 22 वर्षों के लंबे अंतराल पर टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। उनसे पहले ऐसा भारत की पूर्व कप्तान कप्तान मिताली राज ने किया था। मिताली ने अगस्त 2002 में टॉनटन में इंग्लैंड के खिलाफ 407 गेंदों पर 214 रन बनाए थे। शेफाली की पारी की बदौलत भारत ने टेस्ट मैच के पहले दिन 525/4 का स्कोर बनाया। महिला टेस्ट क्रिकेट में यह एक दिन का सर्वोच्च स्कोर है। इससे पहले रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम था, जिसने 1935 में क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ दो विकेट पर 431 रन बनाए थे।