लखनऊ : नीट पेपर लीक मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि विधायक बेदी राम को STF ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। उन्हें हिरासत में गोपनीय स्थान पर रखा गया है।
देश भर के लाखों मेधावी विद्यार्थियों का भविष्य खराब करने वाले बेदीराम को गिरफ्तार करने हेतू उत्तरप्रदेश एसटीएफ लगातार प्रयासरत थी।
प्राप्त खबरों के अनुसार हिस्ट्रीशीटर विधायक बेदी राम यूपी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का करीबी है और इसके कुकर्मो से वह अच्छे से वाकिफ थे। बावजूद सियासत की मजबूरी जो न कराए वह कम है।
गिरफ्तार विधायक जौनपुर जिले के जलालपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर भी हैं
इस थाने में इसकी हिस्ट्रीशीट 17A नंबर पर दर्ज है। साल 2022 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने हिस्ट्रीशीट खोली थी। 2022 में ही विधानसभा चुनाव में बेदी राम विधायक निर्वचित हुए थे।
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन से विधायक बनने के कुछ माह बाद ही योगी शासन में बेदी राम पर शिकंजा कसा और उनकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।
बता दें कि कभी रेलवे में टीटीई रहे बेदी राम ने पेपर लीक माफिया रहते हुए सपा-बसपा शासनकाल में जौनपुर से लेकर लखनऊ तक अकूत संपत्ति अर्जित की हैं।
जौनपुर के जलालपुर थाने में बेदी राम के अपराधों की दर्ज हिस्ट्रीशीट में विभिन्न विवरण दर्ज हैं।
जलालपुर थाने में उनके विरुद्ध 2021 में बलवा, मारपीट, गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
इसके साथ ही राजस्थान के जयपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, लखनऊ के कृष्णानगर, गोमती नगर, आशियाना और जौनपुर के मड़ियाहूं कोतवाली में धोखाधड़ी, जालसाजी, परीक्षा अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट, साजिश रचने आदि धाराओं में आठ अन्य मुकदमे दर्ज हैं।
हिस्ट्रीशीट में साथियों के रूप में बेदी राम के कुसिया गांव के ही ओमप्रकाश प्रजापति, उसके भाई रतन लाल प्रजापति व शिव बहादुर सिंह का नाम भी है। जौनपुर के एसपी डा. अजय पाल शर्मा का कहना है कि बेदी राम हिस्ट्रीशीटर है, लेकिन उसके खिलाफ जांच का मामला अभी संज्ञान में नहीं है।
बेदी राम का नाम प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने के प्रकरण में काफी पहले से हाईलाइट है। 2006 में रेलवे में भर्ती का प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में बेदी राम पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। 2008 में एक इसी तरह का मामला लखनऊ के गोमती नगर में दर्ज हुआ। 2010 में पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में बेदी राम के खिलाफ जौनपुर के मड़ियाहूं में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 2014 में एक और मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में एसटीएफ ने बेदी राम को गिरफ्तार भी किया था।
इस हिस्ट्री शीट में यह भी लिखा गया है कि विधायक के पास दो ईंट भट्टे भी हैं। जलालपुर के कुसिया गांव में नहर के किनारे बेदी राम का मकान है, जिस पर ताला लगा है। दो मंजिला मकान में कई दुकानें हैं, जो किराये पर दी गई हैं। ऊपर के तल के दो कमरों का उपयोग बेदी राम करते हैं।
इसमे बेदी राम के अन्य विवरण भी दर्ज है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम पर कई अन्य पेपर लीक घोटालों में शामिल होने का आरोप है।
बता दें कि एसटीएफ ने 2014 में सपा की सरकार में बेदी राम की गिरफ्तारी के बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने की रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। उस समय बेदी राम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल माफिया के आरोपों के दाग के बावजूद बेदी राम राजनीति में आगे बढ़ता गया।
हालाकि विधायक बेदी राम ने कहा है कि उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। राजनीतिक कारणों से उनके खिलाफ पेपर लीक का एक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। अब विपक्ष उस मामले को उठा रहा है, जिसमें क्लीन चिट मिल चुकी है। इसी तरह इस बार भी उन्हें झूठे मामले में फंसाने की साजिश की जा रही है।
विदित हो कि बेदिराम की पत्नी बदामा देवी जलालपुर ब्लाक प्रमुख हैं इस नियुक्ति के बाद सेटिंग और जुगाड़ में माहिर बेदी राम खुद भी विधायक बन गया हैं।