पुणे के हिंजवडी थाना क्षेत्र में एक मिनीबस में आग लगने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोराट ने बताया कि “बस चालक ने जानबूझकर वाहन में आग लगाई, ताकि इसे दुर्घटना के रूप में दिखाया जा सके। हमारी जांच से पता चलता है कि बस चालक को अपने सहकर्मियों से शिकायतें थीं और बदला लेने के लिए उसने इस घटना को अंजाम दिया…। थोराट ने कहा, पुलिस, जांच कर रही है कि उसे रसायन कहां से मिले। हमने ड्राइवर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं (103 और 109) के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले पिंपरी-चिंचवाड़ के डीसीपी विशाल गायकवाड़ ने 19 मार्च को बताया था कि पुलिस के पास सुबह करीब 7:30 बजे 112 पर कॉल आया। सूचना देने वाले ने बताया कि मिनीबस में आग लगने के कारण कुछ यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि कई घायल भी हुए हैं। डीसीपी के मुताबिक जब पुलिस मौके पर पहुंची तो चार लोगों की मौत हो चुकी थी और छह लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बकौल डीसीपी, ‘प्रथम दृष्टया, यात्री, ड्राइवर और मिनीबस सभी फेज 1 में स्थित व्योमा ग्राफिक्स कंपनी से थे और ड्यूटी के लिए ऑफिस जा रहे थे। शुरुआती जांच के मुताबिक मिनीबस में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट को माना गया। मरने वाले चार लोग बस के पीछे बैठे थे और वाहन से बाहर नहीं निकल सके। आईसीयू में इलाज करा रहे छह लोगों में से एक की हालत गंभीर है जिसे पुणे के एक विशेष अस्पताल में भर्ती कराया गया है।