दोनों पवार एक साथ आएं… महाराष्ट्र की इच्छा!.. शरद पवार के बयान से भाजपा के पैरों तले खिसकी जमीन… ऐसा हुआ तो महायुति से अलग होंगे अजीत पवार……..,..
मुंबई..राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार ने दोनों पवार गुट के नेताओं को एक साथ आने की मंशा को जाहिर कर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि अजीत पवार गुट के लोग और उनके पार्टी के लोग एक साथ आएं, यह महाराष्ट्र के लोगों की इच्छा है। इस बारे में कई लोगों ने व्यक्तिगत रूप से भी अपनी इच्छा जताई है। लेकिन मैं खुद को इस इच्छा से अलग रख रहा हूं, ऐसा शरद पवार ने स्पष्ट किया। उनके इस बयान से राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने इसका स्वागत किया है तो कुछ के लिए यह एक झटका भी माना जा रहा है।
उधर चर्चा हो गई है कि दोनों पवार यदि एक साथ गए तो भाजपा का क्या होगा। राज्य की सत्ता में बैठी भाजपा से पहले ही एकनाथ शिंदे गुट नाराज चल रहे हैं और अजीत पवार ने भी यदि घर वापसी कर ली तो तय है कि भाजपा की नैया मझधार में फंस जाएगी। ऐसे में यदि सबकुछ ठीक रहा तो भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।
इस मौके पर पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल ने भी अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि जैसे दूसरे नेताओं को एक साथ आने की प्रक्रिया संभव है, वैसे ही दोनों पवार एक साथ क्यों नहीं आ सकते? महाराष्ट्र की राजनीति में यह परिवार कुछ कारणों से अलग हुए हैं। अब फिर से एक होने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
भजबल ने कहा कि अगर दोनों राष्ट्रवादी पार्टियां एकजुट होती हैं तो राज्य की राजनीति पर इसका खास प्रभाव पड़ेगा। पार्टी की ताकत निश्चित रूप से बढ़ेगी। इस बारे में पैâसला सांसद सुप्रिया सुले और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को लेना है। यह पैâसला सभी के लिए स्वागत योग्य होगा, इसमें कोई शक नहीं। आवश्यकता पड़ने पर मैं इसमें पहल करने के लिए भी तैयार हूं। भुजबल ने कहा कि दोनों एक ही घर में पले-बढ़े हैं। अजीत पवार ने भी इस मुद्दे पर कई बार अपने विचार व्यक्त किए हैं। मुझे नहीं लगता कि इन्हें एक साथ लाने के लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत है। उनके इस स्वागतपूर्ण बयान से अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह प्रक्रिया राष्ट्रवादी कांग्रेस नेताओं के बीच बनी दूरी को कम करने की दिशा में एक कदम है?