समीर चौगुले के उपर मकोका के तहत की जानी चाहिये कारवाई…..
एक तरफ तो के पश्चिम विभाग के सहाय्य्क आयुक्त कहते हैं कि वर्सोवा में एक भी अवैध निर्माण हो ने नही देंगे वही उन के ही विभाग के (इमारत व कारखाने विभाग ) सहाय्यक अभियंता वर्सोवा में सिर्फ नाम मात्र की नोटीस निकालते हैं. भुमाफिया को डराने के लिये नोटीस देने के बाद अवैध निर्माण पुरी तरह से बन कर तैयार हो जाता हैं,इसका मतलब सहाय्यक अभियंता कही ना कही मॅनज हो गये हैं ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया हैं वर्सोवा गाव खोजा गल्ली, नूरजहा मंझिल मालिक बाबा पठाण कॉन्ट्रॅक्टर समीर चौगले ने एक चाल को तोडकर उसके उपर जी+6 की अवैध इमारत खडी करडाली तथा इसमे बनने वाले फ्लॅटो को लाखो मे बेचा गया, करोडो रुपयो की मनी लॉन्ड्री हो गई……. फिर भी दी गई नोटीस (354A) आज तक वैसे की वैसे ही है और अवैध निर्माण पुरा हो गया, समीर चौगुले के उपर कई कंप्लेंट तथा एमआरटीपी दर्ज है फिर भी यह व्यक्ती बिना डर के खार दांडा और वर्सोवा मे अवैध निर्माण किये जा रहा है, कायदे से ऐसे व्यक्ति के ऊपर मकोका के तहत कारवाई की जानी चाहिये लेकिन के /पश्चिम मनपा और स्थानिक पोलीस मूक दर्शक बने बैठे है.कारवाई के नाम पर सब झोल झालं है यहा पर….