राजस्थान के दौसा स्थित एक आश्रम से आयुर्वेदिक डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया गया है।

देवेंद्र शर्मा किडनी तस्करी करता था और सबूत मिटाने के लिए लाशें मगरमच्छों को खिला देता था। दिल्ली पुलिस साल भर से तलाश रही थी, वह दौसा में एक आश्रम फर्जी पहचान के साथ पुजारी के वेश में रह रहा था। इसने 50 हत्याएं की हैं! यानि पहलगाम में आतंकियों द्वारा की गयीं हत्याएं के लगभग दोगुनी हत्याएं देवेन्द्र ने की है।✍🏼✅
क्या मीडिया इस पर चर्चा करेगा? क्या हिंदूवादियों इस “डॉक्टर डेथ” के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे? क्या उस आश्रम पर बुलडोज़र चलेगा जहां इसने शरण ली हुई थी? अब कल्पना कीजिए! 50 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले इस डॉक्टर डेथ का नाम अगर डॉक्टर दिलशेर खान होता! और इसकी गिरफ्तारी किसी मदरसे से हुई होती! तब पूरे देश का माहौल कैसा बना दिया गया होता? तब मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत फैलाने के बहाने ढूंढने वाले फ्रिंज एलिमेंटस किस तरह मुसलमानों और उनके मज़हब के खिलाफ माहौल बना रहे होते! तब इसके अपराध का ‘बदला’ इसके समुदाय से लिया जा रहा होता! इसके अपराध के लिए इसके समुदाय को क्रिमनलाइज किया जा रहा होता। जगह-जगह मुस्लिम डॉक्टर्स के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा होता। लेकिन अब सब खामोश हैं। क्योंकि पचास हत्या करने का आरोपी दिलशेर खान नहीं बल्कि देवेन्द्र शर्मा है।
