Reporter: Munna Mujawar
अब ‘ई-चालान’ कार्रवाई होगी बंद,
वाहतूक पुलिस की नई योजना बनी खास।
पुणे: वाहन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ‘ई-चालान’ मशीन के जरिए होने वाली कार्रवाई में लगने वाले समय को कम करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित ‘व्हाट्सएप-चैटबॉट’ सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इस सिस्टम के माध्यम से नागरिक शिकायतें दर्ज कर सकेंगे, जिससे अनुशासनहीन वाहन चालकों पर नकेल कसने में आम नागरिक भी ट्रैफिक पुलिस के साथ सहभागी होंगे। बुधवार (1 अक्टूबर) को इस सिस्टम का प्रारंभिक परीक्षण किया गया।
पुणे शहर में होने वाली ट्रैफिक जाम की समस्या में अनुशासनहीन वाहन चालकों और नियम तोड़ने वालों का बड़ा योगदान है। गलत दिशा में वाहन चलाना, ‘ट्रिपल सीट’ पर वाहन चलाना, तेज गति से वाहन चलाना, ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन, गलत जगह पर वाहन पार्क करना, बिना हेलमेट ड्राइविंग, और नो-एंट्री क्षेत्र में वाहन चलाना जैसे मामले अक्सर देखने को मिलते हैं। इन समस्याओं पर अंकुश लगाने के लिए शहर के विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है।
ई-चालान मशीन के जरिए पुलिस को वाहन का नंबर दर्ज करना, उसका फोटो खींचना और फिर चालक के नाम पर चालान भेजने की प्रक्रिया में समय लगता है। इस प्रक्रिया को और सरल व त्वरित करने के साथ-साथ आम नागरिकों को अनुशासनहीन वाहन चालकों पर कार्रवाई में शामिल करने के लिए पुणे ट्रैफिक पुलिस ‘व्हाट्सएप-चैटबॉट’ नामक एआई-आधारित सिस्टम विकसित कर रही है। यह जानकारी ट्रैफिक शाखा के पुलिस उपायुक्त हिम्मत जाधव ने दी।
जाधव ने कहा, “पुणे ट्रैफिक पुलिस ने पहले भी पीटीपी ऐप और एआई-आधारित सीसीटीवी कैमरों जैसे उपाय लागू किए हैं। अब यह चैटबॉट उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
इस सिस्टम के जरिए आम नागरिक चैटबॉट के माध्यम से बिना हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग, या गलत जगह पर वाहन पार्क करने जैसे उल्लंघनों की तस्वीरें खींचकर शिकायत दर्ज कर सकेंगे। एआई तकनीक का उपयोग करते हुए यह चैटबॉट प्राप्त जानकारी का विश्लेषण कर तुरंत कार्रवाई के लिए सूचना देगा। इसके बाद वाहन चालक के नाम पर सीधे चालान जारी होगा।
पारदर्शिता के लिए, चैटबॉट पर प्राप्त जानकारी की 80% से अधिक सटीकता की जांच इस तकनीक के माध्यम से की जाएगी, और उसके बाद ही दंडात्मक कार्रवाई होगी, जैसा कि जाधव ने स्पष्ट किया।
अनुशासनहीन वाहन चालकों पर कार्रवाई के लिए ‘व्हाट्सएप-चैटबॉट’ सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जिसमें इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। बुधवार (1 अक्टूबर) को इसका प्रारंभिक परीक्षण किया गया। इसमें सामने आने वाली समस्याओं और कमियों को दूर किया जा रहा है। अगले तीन महीनों में इस सिस्टम को पूरी तरह विकसित कर नागरिकों की सेवा में लाने का लक्ष्य है।
– हिम्मत जाधव, पुलिस उपायुक्त, ट्रैफिक शाखा, पुणे।
