बाढ पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न

Shoaib Miyamoor
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बाढ पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न

रिपोर्ट – फरियाद अली | बहराइच उत्तर प्रदेश

 

बहराइच जनपद में संभावित बाढ़ से पूर्व की जा रही तैयारियों की समीक्षा हेतु कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि दौरान-ए-बाढ़ पीड़ितों को वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न, पशुओं के लिए भूसे आदि की व्यवस्था के लिए समय पूर्व ही सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जायें। वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग कर रहे उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में होने वाली वर्षा के बारे में अपडेट रहें। एसडीएम व बीडीओ को निर्देश दिया गया कि पूर्व की बांढ़ में प्रभावित होने वाले मजरों का अनिवार्य रूप से स्थलीय निरीक्षण करें तथा ग्राम के लोगों से वार्ताकर करके राहत व बचाव कार्यों के संचालन हेतु प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर लें।

डीएम ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों एवं मजरों के प्रमुख लोगों, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिवों, स्वास्थ्य, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास विभाग के ग्राम स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के व्हाट्सअप नम्बरों का ग्रुप बना लें तथा आपदा के समय किसी भी स्तर पर संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न न होने पाये। डीएम ने कहा कि दैवीय आपदा में न्यून से न्यूनतम जानी व माली नुकसान हो इसके लिए ज़रूरी है कि हमारी तैयारियां व बैकअप प्लान हमारे पास उपलब्ध हो।

डीएम ने कहा कि वन क्षेत्रों के आस-पास के दुरूह क्षेत्रों जहां पर चहलवा व सुजौली सहित अन्य संवेदनशील ग्राम पंचायतों के मजरों के लिए के लिए अलग से बुकलेट तैयार कर ली जाय। बीडीओ को निर्देश दिया कि ग्रामों में अनावश्यक रूप से खोदे गये गड़ढों को वर्षा से पूर्व भरवा दिया जाय। उन्होंने कहा कि वर्षा का पानी भर जाने से ऐसे आमजन विशेषकर बच्चों के खतरा बन जाते हैं। तटबन्धों की सुरक्षा के दृष्टि से डीएम ने निर्देश दिया कि प्रत्ययेक 500-500 मीटर के लिए टीमें गठित कर तटबन्धों के रेन कट व रैट होल को भरवा दिया जाय तथा पूरी सघनता के साथ तटबन्धों का निरीक्षण कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाय।

डीएम ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध नावों का सत्यापन करा लिया जाय तथा पूर्व में आयी बाढ़ के अनुभव के आधार पर नावों, मोटर बोट इत्यादि की आवश्यकता का आंकलन कर लिया जाय। डीएम ने कहा कि ऐसे स्थान जहां पर तेज बहाव के साथ पानी बहता है वहां पर लाईफ जैकेट के साथ बड़ी नावों का संचालन किया जाय। डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्थान पर क्षमता से अधिक लोगों का नाव पर सवार न करने के सम्बन्ध में नाविकों निर्देशित भी कर दिया जाय।

डीएम ने निर्देश दिया कि नावों के संचालन के नाविकों की सूची तथा उनके मोबाइल नम्बर संकलित कर लिए जाएं। क्षेत्रों में मौजूद आपदा मित्रों को भी एक्शन मोड पर रखा जाए तथा उनको भी बचाव व राहत कार्यों के मोटीवेट किया जाए। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ राहत केन्द्रों एवं शरणालयों का भी समय पूर्व आवश्यक मरम्मत एवं रंगाई पुताई करा दी जाए। ऐसे स्थानों पर प्रसाधन, पेयजल एवं प्रकाश के भी माकूल बन्दोबस्त भी अवश्य किये जाएं।

बैठक के दौरान उप जिलाधिकारी मिहींपुरवा द्वारा बताया गया कि मिहींपुरवा में पशुओं का टीकाकरण कम हुआ है। इस सम्बन्ध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि मिहींपुरवा सहित जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शत प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण एवं उपचार सुनिश्चित करायें।

खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, कन्या सुमंगला योजना तथा विभिन्न प्रकार की पेंशन योजना हेतु अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों के आवेदन कराएं। बैठक का संचालन अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी राज कुमार, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. राजेश उपाध्याय तथा खण्ड विकास अधिकारीगण मौजूद रहे।

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