भगवा चोले में छिपा था छोटा राजन गैंग का गैंगस्टर:कुख्यात बंटी पांडे नाथ संप्रदाय का साधु बनकर रह रहा था, CID ने अरेस्ट किया………

MS Shaikh
Spread the love

अंडरवर्ल्ड का कुख्यात गैंगस्टर बंटी पांडे, जो पिछले पांच वर्षों से नाथ संप्रदाय के साधु के रूप में जीवन बिता रहा था, अब पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। साधु का वेशधारण कर अपराध की दुनिया से बचने की कोशिश कर रहा यह गैंगस्टर वापी के उद्योगपति के बेटे के अपहरण और हत्या के सनसनीखेज मामले में शामिल था।

कभी वह छोटा राजन के लिए काम करता था। अब CID ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसे तिहाड़ जेल से ट्रांजिट वारंट पर लाकर हिरासत में लिया गया है। अपराध की दुनिया से बचने के लिए बंटी पांडे ने पांच साल पहले नाथ संप्रदाय की दीक्षा ली थी। वह केवल फल और दूध का सेवन करता था, भस्म लगाता था और भगवा वस्त्र पहनकर एक साधु के रूप में पहचान बना चुका था। नाथ संप्रदाय के कई संत उसे एक आध्यात्मिक महंत मानने लगे थे। लेकिन, इस धार्मिक छवि के पीछे एक भयावह अपराधी छिपा था, जो हत्या, फिरौती और अपहरण जैसे संगीन अपराधों में लिप्त था।

भस्म लगाता था और भगवा वस्त्र पहनकर एक साधु के रूप में पहचान बना चुका था। – Dainik Bhaskar

भस्म लगाता था और भगवा वस्त्र पहनकर एक साधु के रूप में पहचान बना चुका था।

सूरत के हीरा व्यापारी की हत्या में भी संलिप्तता की पूछताछ होगी 2004 में सूरत के महिधरपुरा इलाके में हीरा व्यापारी राजेश भट्ट का अपहरण और हत्या भी बंटी पांडे की गैंग ने की थी। अपहरण के बाद अमेरिका में रह रही पत्नी और मुंबई में रह रहे भाई को फोन कर दो करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। पैसे नहीं मिलने पर चकलासी गांव में उसकी हत्या कर लाश को नहर में फेंक दिया गया था। अब CID और सूरत क्राइम ब्रांच बंटी पांडे को इस केस में भी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार 2004 में अबुजर के भाई ओएज को फिरौती के लिए तीन बार फोन किया गया था। पुलिस ने ऑडियो एनालिसिस और स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट के जरिए बंटी पांडे की पहचान की थी। CID ने पुराने वारंट के आधार पर तिहाड़ जेल में जाकर बंटी पांडे की कस्टडी ली और चार दिन के रिमांड पर लिया। वियतनाम में सरेंडर और भारत वापसी 2011 में वियतनाम में इंटरपोल ने बंटी पांडे को गिरफ्तार किया। उसे भारत लाया गया और मुंबई, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में दर्ज मामलों में जेल में रखा गया। जेल में बंटी पांडे ने आध्यात्मिक जीवन अपनाने का नाटक किया और नाथ संप्रदाय के महंत दंडीनाथ महाराज के संपर्क में आकर दीक्षा ली। वह नाथ संप्रदाय में शामिल होकर ‘प्रकाशानंद गिरि’ के रूप में पहचाना जाने लगा। अंडरवर्ल्ड से संत बनने तक का सफर 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद बंटी पांडे छोटा राजन गैंग में शामिल हो गया था। उस समय छोटा शकील और दाऊद इब्राहिम के गैंग से लगातार मुठभेड़ हो रही थी। ऐसे में छोटा राजन ने अपनी अलग गैंग बनाई थी। बंटी पांडे छोटा राजन के लिए फिरौती वसूलने का काम करता था। बाद में उसने अपनी गैंग बना ली और हत्या, फिरौती और अपहरण जैसे अपराधों को अंजाम देने लगा। वह विदेश भाग गया और वियतनाम, दुबई, नेपाल और सिंगापुर में अंडरवर्ल्ड ऑपरेशन चलाने लगा। वियतनाम, दुबई, नेपाल, सिंगापुर तक अपराध फैलाया अपहरणकर्ताओं ने गला काटकर हत्या कर दी थी: वर्ष 2004 में वापी के उद्योगपति मुथुर अहमद कादिर खान के बेटे अबुजर का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने परिवार से दो बार फोन कर पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। परिवार ने कुछ रकम दे दी, लेकिन फिर भी अबुजर को जिंदा नहीं छोड़ा गया।अपहरणकर्ताओं ने गला काटकर अबुजर की हत्या कर दी और शव को महाराष्ट्र बॉर्डर पर असवाली डैम के पास फेंक दिया। पुलिस को सिर्फ धड़ मिला, लेकिन सिर कभी बरामद नहीं हुआ। इस केस की जांच के दौरान सूरत क्राइम ब्रांच ने संजय सिंह उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि हत्या में बंटी पांडे का साथी भूपेंद्र वोरा और संजय सिंह शामिल थे, जिन्होंने मिलकर अपहरण और हत्या को अंजाम दिया था।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *