बहराइच पुलिस को बड़ी सफलता: किसानों से ठगी करने वाले अंतर-जनपदीय गिरोह का सरगना गिरफ्तार, 10 ट्रैक्टर बरामद 

Shoaib Miyamoor
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बहराइच पुलिस को बड़ी सफलता: किसानों से ठगी करने वाले अंतर-जनपदीय गिरोह का सरगना गिरफ्तार, 10 ट्रैक्टर बरामद

रिपोर्ट – फरियाद अली बहराइच उ प्र

 

बहराइच: जनपद बहराइच की पुलिस ने अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने की अपनी मुहिम में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने किसानों के साथ ट्रैक्टर धोखाधड़ी करने वाले और फर्जी आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) बनाकर पुनः उन्हीं ट्रैक्टरों को भोले-भाले लोगों को बेचने वाले एक बड़े अंतर-जनपदीय गिरोह के मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने कुल 10 ट्रैक्टर बरामद किए हैं, जिनमें से तीन हाल ही में पकड़े गए अभियुक्त की निशानदेही पर बरामद किए गए। पुलिस अधीक्षक, जनपद बहराइच के विशेष दिशा-निर्देशों पर, अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री दुर्गा प्रसाद तिवारी और क्षेत्राधिकारी मिहींपुरवा श्रीमती हर्षिता तिवारी के कुशल नेतृत्व में थाना मूर्तिहा पुलिस और स्वाट/सर्विलांस की संयुक्त टीम ने इस जटिल मामले का सफलतापूर्वक खुलासा किया।

घटना का अनावरण और जांच का घटनाक्रम

यह मामला तब सामने आया जब 29 जून 2025 को थाना मूर्तिहा को तीन अलग-अलग लोगों से एक ही तरह की शिकायत मिली। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि दुर्गेश कुमार पुत्र बेचन सिंह, निवासी ग्राम तुलसीपुर माझा, जिला गोंडा, ने उनसे उनके ट्रैक्टर 25,000 से 30,000 रुपये प्रति माह के किराए पर लिए थे। हालांकि, कुछ महीनों बाद, उसने न तो किराए का भुगतान किया और न ही ट्रैक्टर वापस किए। इन शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय पुलिस ने तुरंत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत तीन अलग-अलग अभियोग (मु0अ0सं0 159/2025, 160/2025 और 161/2025) पंजीकृत किए।

पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को प्राथमिकता देते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन किया। विवेचना के क्रम में, पुलिस ने पहले ही इस गिरोह के तीन अन्य अभियुक्तों, जिनमें 1. कुलदीप सिंह पुत्र अखिलेश सिंह, 2. सुभाष कुमार पुत्र लल्लू सिंह, और 3. रामजी शर्मा पुत्र रामबाबू शर्मा शामिल थे, को गिरफ्तार कर लिया था। इन अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद, उनके कब्जे से 7 ट्रैक्टर बरामद किए गए थे और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया था।

हालांकि, इन सभी मुकदमों का नामजद और मुख्य अभियुक्त दुर्गेश सिंह तब से फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही थी।

मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी और ठगी का तरीका

आज, 18 सितंबर 2025 को, पुलिस की संयुक्त टीम को मुखबिर खास से सटीक सूचना मिली। इस सूचना के आधार पर, टीम ने रुपईडीहा-नानपारा चौराहे के पास जाल बिछाया और सुबह लगभग 6:45 बजे वांछित अभियुक्त दुर्गेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद, गहन पूछताछ में अभियुक्त ने अपना अपराध स्वीकार किया और उसकी निशानदेही पर अलग-अलग स्थानों से तीन और ट्रैक्टर बरामद किए गए, जिनमें एक पावर ट्रैक, एक आयशर 551 और एक महिंद्रा 275 डीआई शामिल है।

पुलिस जांच से यह बात सामने आई कि यह गैंग बेहद शातिर तरीके से ठगी करता था। गिरोह का सरगना दुर्गेश सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर एक सुनियोजित आपराधिक षडयंत्र रचता था। वे ट्रैक्टर मालिकों और किसानों से रेलवे में ठेके का हवाला देकर ट्रैक्टर किराए पर लेते थे। एक बार जब ट्रैक्टर उनके कब्जे में आ जाता था, तो वे उसके फर्जी कागजात, विशेष रूप से फर्जी आरसी, तैयार करते थे। इसके बाद, वे उन ट्रैक्टरों को असली मालिकों को बिना बताए भोले-भाले किसानों को बेच देते थे, जिससे दोनों पक्षों को भारी नुकसान होता था।

इस गिरोह का जाल केवल बहराइच तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक अंतर-जनपदीय गिरोह था, जिसके तार गोंडा, गोरखपुर, सीतापुर, शाहजहांपुर और बाराबंकी जैसे अन्य जनपदों से भी जुड़े हुए थे। पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर इन विभिन्न जिलों से भी ट्रैक्टर बरामद किए हैं।

अभियुक्त का आपराधिक इतिहास और कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण इस प्रकार है: दुर्गेश सिंह, पुत्र बेचन सिंह, निवासी ग्राम तुलसीपुर माझा, पुरे डाली, थाना नवाबगंज, जनपद गोंडा। उसके खिलाफ पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं। उसका आपराधिक इतिहास काफी लंबा है, जिसमें बहराइच के मूर्तिहा थाने और गोंडा के नवाबगंज थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत कई मुकदमे शामिल हैं।

बहराइच पुलिस द्वारा गिरफ्तारशुदा अभियुक्त को सर्वोच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग के आदेशों-निर्देशों का पालन करते हुए माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने की कार्रवाई की जा रही है। इस सफल ऑपरेशन में थाना मूर्तिहा के प्रभारी निरीक्षक श्री रामनरेश और उनकी टीम, जिसमें उ0नि0 श्री अनिल यादव, हे0का0 सुभाष यादव, और का0 अमित कुमार यादव शामिल थे, ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही, स्वाट/सर्विलांस सेल के प्रभारी श्री मनोज सिंह यादव और उनकी टीम के सदस्य, मु0आ0 प्रदीप कुशवाहा, आरक्षी नितिन अवस्थी, और आरक्षी आनंद उपाध्याय के सहयोग से यह सफलता संभव हो पाई।

यह गिरफ्तारी न केवल किसानों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि इसने पूरे क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की प्रतिबद्धता को भी दर्शाया है।

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