एसीबी ने 15 लाख रुपये की रिश्वत मामले में जज के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी………

मुंबई स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को पुष्टि की कि एजेंसी ने पिछले हफ़्ते बॉम्बे हाईकोर्ट को एक पत्र भेजकर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एजाजुद्दीन काज़ी से जुड़े ₹15 लाख रिश्वत मामले में कार्रवाई की अनुमति मांगी थी। एसीबी द्वारा जाँच शुरू करने के बाद से न्यायिक अधिकारी “लापता” हैं।
इस मामले में न्यायाधीश के साथ-साथ स्टेनोग्राफर चंद्रकांत वासुदेव पर भी मामला दर्ज किया गया है। पिछले महीने, एसीबी ने वासुदेव को एक शिकायतकर्ता से अनुकूल आदेश के बदले कथित तौर पर पैसे लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
बाद में अधिकारी न्यायाधीश काज़ी के आवास पर पहुँचे, जहाँ ताला लगा हुआ था। शिकायत के अनुसार, सितंबर में वासुदेव ने अदालत के फैसले को पलटने के लिए शुरुआत में ₹25 लाख की माँग की थी। इसमें से उसने कथित तौर पर अपने लिए ₹10 लाख और जज काज़ी के लिए ₹15 लाख मांगे थे।
एसीबी ने पहले कहा था, “बातचीत के बाद पता चला कि वासुदेव ₹15 लाख पर सहमत हो गया था। 11 नवंबर को उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। उसने काज़ी को फ़ोन करके इसकी जानकारी भी दी थी।”
एसीबी अब जज के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए उच्च न्यायालय की मंज़ूरी का इंतज़ार कर रही है, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
