एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है कि आदिवासी उपजियो के तहत विभिन्न आदिवासी कार्यकारी निकायों और सेवा सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए कार्यान्वित की जा रही पंजाबराव देशमुख ब्याज सब्सिडी योजना की राशि को एक रिश्तेदार के खाते में भेज दिया गया और लाखों रुपए का गबन कर लिया गया।
जिला कलेक्टर अभिविष्यंत पंडा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 3 जून को जिला उप रजिस्ट्रार विक्रम सहारे को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिससे हड़कंप मच गया।
इस संबंध में भाजपा सहकारी मोर्चा के जिला अध्यक्ष आशीष पिपरे और शिंदे सेना के आरमोरी विधानसभा के संगठक नारायण धकाते ने पालकमंत्री एडवोकेट आशीष जायसवाल और जिला कलेक्टर अभिविष्यंत पंडा से शिकायत की थी।
इसके बाद जिला कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट मांगी। पता चला कि जिला उप पंजीयक कार्यालय के बैंक खाते से पहले 6 लाख रुपये और फिर 4 लाख रुपये अपने ही रिश्तेदार के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए कैश बुक में भी अनियमितताएं पाई गईं। इस पृष्ठभूमि में जिला कलेक्टर पंडा ने जिला उप रजिस्ट्रार विक्रम सहारे को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें उन पर कार्यालय संचालन पर नियंत्रण की कमी का आरोप लगाया गया। तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण जारी किया गया है और स्पष्टीकरण न दिए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। लोकमत की रिपोर्ट के अनुसार गढ़चिरौली के सहकारी समितियों के जिला उप रजिस्ट्रार विक्रम सहारे ने कहा, “इस मामले से मेरा कोई सीधा संबंध नहीं है। मेरे हस्ताक्षर को स्कैन किया गया और धन को डायवर्ट किया गया। इस संबंध में अकाउंटेंट हेमंत जाधव को निलंबित कर दिया गया है। आपराधिक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है और सहकारी आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई है।”
