मुंबई..मुंबई में नगर आयुक्त भूषण गगरानी ने साफ निर्देश दिए हैं कि सड़कों और फुटपाथों को फेरीवालों से मुक्त किया जाए। लेकिन मुलुंड-पूर्व के हालात देखकर यही सवाल उठता है कि क्या मनपा सिर्फ कागजी कार्रवाई में व्यस्त है। रिपोर्ट की मानें तो एल. टी. रोड और महात्मा फुले रोड के जंक्शन के पास फुटपाथ पर आरे ऊर्जा केंद्र के आस-पास फेरीवालों ने खुलेआम कब्जा जमा रखा है। खाद्य विक्रेताओं से लेकर फूल बेचने वालों तक, सभी ने फुटपाथ को बाजार बना दिया है। यही नहीं, फुटपाथ के बिल्कुल बगल में बस स्टॉप है और सड़क पर खड़े ऑटोरिक्शा स्थिति को और भी भयावह बना देते हैं।
अब तक कोई कार्रवाई नहीं
स्थानीय सोसायटियों ने ४ अप्रैल २०२५ को मनपा के टी-वार्ड सहायक आयुक्त को पत्र भेजकर अनधिकृत फेरीवालों और ऊर्जा केंद्र को हटाने की मांग की थी, लेकिन एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नतीजतन पैदल चलने वालों को सड़क पर चलना पड़ रहा है, जहां हर पल जान का खतरा है।
भुगत रहे हैं स्थानीय निवासी
इस इलाके में कई सोसायटियां, दुकानें और वरिष्ठ नागरिक केंद्र हैं। यहां से गुजरने वाले वृद्ध, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे रोजाना इस खतरे का सामना कर रहे हैं। मनपा बार-बार नागरिकों से अपील करती है कि वे फुटपाथ का इस्तेमाल करें। लेकिन जब फुटपाथ ही कब्जे में हो, तो विकल्प ही क्या बचता है?
नागरिक पूछ रहे हैं सवाल
स्थानीय नागरिक अब सवाल पूछ रहे हैं कि जब नगर आयुक्त ने खुद आदेश जारी किए हैं, तो जमीनी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। क्या मनपा का काम सिर्फ आदेश जारी करना है? मुलुंड- पूर्व की स्थिति मनपा की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। अगर फुटपाथ आम लोगों के लिए नहीं, तो फिर किसके लिए हैं?
