मुंबई से रुखसत हुए NCB के सुपरकॉप वानखेड़े, अब देंगे दिल्ली में अपनी सेवाएं, उधर नवाब मलिक ने दी ये शिकायत
एनसीबी की तरफ से बताया कि समीर वानखेड़े का एनसीबी मुंबई जोनल डायरेक्टर के रूप में कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो गया था। उन्होंने सेवा विस्तार की मांग नहीं की थी।
एनसीपी नेता नवाब मलिक (बाएं) और समीर वानखेड़े (दाएं)- (फोटो- इंडियन एक्सप्रेस)
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) में वापस आ गए हैं। क्रूज शिप ड्रग्स मामले में बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार करने के बाद वे सुर्खियों में आए थे। एनसीबी में समीर वानखेड़े का कार्यकाल कुछ दिन पहले समाप्त हुआ था। दूसरी तरफ, समीर वानखेड़े पर हमलावर रहे एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने अब वानखेड़े पर बार लाइसेंस रखने का आरोप लगाया है।
एनसीबी की तरफ से बताया कि समीर वानखेड़े का एनसीबी मुंबई जोनल डायरेक्टर के रूप में कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो गया था। उन्होंने सेवा विस्तार की मांग नहीं की थी और सोमवार से वह दिल्ली में डीआरआई के निदेशक को रिपोर्ट करेंगे। दूसरी तरफ, नवाब मलिक ने एक बार फिर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
नवाब मलिक ने सीबीआईटी के सतर्कता विभाग को चिट्ठी लिखते हुए समीर वानखेड़े के खिलाफ शिकायत दी है। अपनी शिकायत में नवाब मलिक ने कहा है कि समीर वानखेड़े के पास 29 अक्टूबर 1997 से परमिट रूम और बार लाइसेंस है। जो अभी भी उनके नाम पर बरकरार है। मलिक ने चिट्ठी के जरिए सवाल उठाया है, ”क्या एक केंद्र सरकार का एक अफसर अपने नाम पर परमिट रूम और बार का लाइसेंस रख सकता है?”
एनसीपी नेता ने इस मामले में समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए लिखा है, ”कृपया प्रशासनिक दुराचार के मामलों को देखें और इसकी जांच करें।” उन्होंने यह भी मांग की कि वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक जांच गठित की जाए। इसके पहले, रविवार को मलिक ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता वानखेड़े का कार्यकाल बढ़ाने के लिए ‘लॉबिंग’ कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि एनसीबी के अधिकारी बैकडेट में पंच और पंचनामा बदल देते हैं।
ये पहला मौका नहीं है जब नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ आरोप लगाए हैं। इसके पहले वह समीर वानखेड़े पर अपना धर्म छिपाने और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए केंद्र सरकार की नौकरी हासिल करने समेत कई आरोप लगा चुके हैं।