मुंबई..डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती समारोह की शुरुआत जातिगत भेदभाव को कम करने और सभी धर्मों के बीच समानता लाने के दृष्टिकोण से की गई थी। डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर एकीकृत अंतर्जातीय विवाह योजना को अचानक बंद कर दिया गया है। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग की एक स्वायत्त संस्था डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर फाउंडेशन द्वारा २०१४-१५ से शुरू की गई थी। हालांकि, बिना कोई कारण बताए इस योजना को बंद कर दिया गया। दिलचस्प बात यह है कि जिन लोगों ने राज्य के सामाजिक न्याय विभाग में इस योजना के लिए आवेदन किया था, उन्हें सीधे पत्र दिया जा रहा है कि योजना बंद कर दी गई है।
केंद्र सरकार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एकीकृत अंतर्जातीय विवाह योजना के माध्यम से एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। अंतर्जातीय विवाह करने वाले दंपतियों को दो लाख ५० हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए अंतर्जातीय विवाहित जोड़े में से एक सदस्य अनुसूचित जाति का होना आवश्यक था। विवाह के एक वर्ष के भीतर पूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करना तथा राज्य के समाज कल्याण विभाग में आवेदन करना आवश्यक था।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर फाउंडेशन की वेबसाइट से पता चलता है कि यह योजना अभी भी जारी है। हालांकि, समाज कल्याण विभाग ने पात्र आवेदकों को पत्र भेजकर सूचित किया है कि योजना बंद कर दी गई है। सामाजिक न्याय आयुक्तालय ने सभी जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजकर बताया है कि यह योजना बंद कर दी गई है।
`अंतर्जातीय’ का अनुपात ५ प्रतिशत है
जाति और धर्म के आधार पर विवाह की दर अभी भी कम है। कई संगठनों की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यह आंकड़ा मात्र ५ प्रतिशत है।
