नई दिल्ली : हाल ही में सम्पन्न हुए 18वी लोकसभा में चुनाव में 543 विजेताओं में कई उम्मीदवारों ने आसानी से जीत हासिल की, तथा बहुत बड़ा जीत का अंतर रहा, वहीं कई सीटों पर कांटे का मुकाबला देखने को मिला।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रकीबुल हुसैन ने असम के धुबरी निर्वाचन क्षेत्र में 10 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल करके सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। उनके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं, जिन्होंने विदिशा निर्वाचन क्षेत्र में 8 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की।
तीसरा सबसे बड़ा अंतर भाजपा के सीआर पाटिल का रहा, जिन्होंने गुजरात के नवसारी निर्वाचन क्षेत्र में 7.7 लाख वोटों से जीत दर्ज की।
वैसे इन्दौर से सांसद की जीत का आंकड़ा और बड़ा रहा हैं पंरतु यहां मुख्य मुकाबले में कोई विपक्षी उम्मीदवार नहीं था। बहरहाल बात करें सबसे कम वोट से जीत हासिल करने की तो वह मात्र 48 वोट की रहीं हैं।
बता दें की इस लोकसभा चुनाव में तीन प्रमुख पार्टियों के 17 उम्मीदवार 5,000 से भी कम वोटों के मामूली अंतर से जीते। इनमें से सात उम्मीदवार भाजपा से, छह कांग्रेस से और तीन सपा से हैं। नोटा और विजेता की जीत के अंतर के बीच सबसे बड़ा अंतर छत्तीसगढ़ के कांकेर में था, जहाँ नोटा को लगभग 18,600 वोट मिले और अंतर सिर्फ़ 1,800 वोट था।
सबसे कड़ा मुकाबला शिवसेना के रविंद्र दत्ताराम वायकर ने जीता, जिन्होंने महाराष्ट्र के मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) के अमोल गजानन कीर्तिकर को मात्र 48 वोटों से हराया। दिलचस्प बात यह है कि इसी निर्वाचन क्षेत्र में नोटा को 15,161 वोट मिले।
केरल के अट्टिंगल निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के अदूर प्रकाश ने अपने प्रतिद्वंद्वी सीपीआई (एम) के वी जॉय को मात्र 684 वोटों से हराया। प्रकाश के बाद ओडिशा के जाजपुर से भाजपा के रवींद्र नारायण बेहरा तीसरे सबसे कम अंतर से 1,587 वोटों से जीते।