आधी रात में देवेंद्र फडणवीस के मंत्री के साथ मीटिंग, अगली सुबह शरद पवार गुट को मिल गया तोहफा!………
महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसा लगता है कि पक्ष-विपक्ष की दूरी खत्म हो गई है. राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार सहयोगियों से ज्यादा विरोधियों पर मेहरबान दिख रहे हैं. विरोधी भी सीएम की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. ऐसे में हर कोई यही सवाल कर रहा है. अब खबर है कि शरद पवार की एनसीपी के दो अहम विधायकों जयंत पाटिल और उत्तम जानकर की सेवा में सरकारी अधिकारी लगा दिए गए हैं. एक दिन पहले ही जयंत पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस सरकार के मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से आधी रात में मुलाकात की थी. हालांकि पाटिल ने इस मुलाकात का राजनीतिक मतबल नहीं निकालने को कहा था.
दरअसल, यह बात सामने आई है कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार विपक्षी दलों के खास नेताओं पर विशेष नजर रख रही है. क्योंकि महायुति के मंत्रियों के पीए, पीएस और ओएसडी के बाद अब खबर आ रही है कि शरद पवार के दो विधायकों को भी सरकारी पीए मुहैया कराए गए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये दोनों विधायक महायुति के संपर्क में हैं?
इन अधिकारियों की हुई तैनाती
जयंत पाटिल के अधीन उद्योग, ऊर्जा और श्रम विभाग के सहायक सेल अधिकारी गौरव भोसले को नियुक्त किया गया है. औद्योगिक विभाग सेल अधिकारी संजय पाटिल भी जयंत पाटिल की सेवा में रहेंगे. हालांकि इन दोनों अधिकारियों को वेतन सरकार से मिलेगा, लेकिन यह जयंत पाटिल के आदेश पर होगा. दिलचस्प यह है कि यह नियुक्ति अजित पवार की पार्टी एनसीपी के राज्य मंत्री इंद्रनील नाइक ने की है. फिर सवाल यह है कि शरद पवार की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को अजित पवार के मंत्री की ओर से विशेष सुविधा क्यों दी जा रही है?सूत्रों के अनुसार जयंत पाटिल के साथ-साथ शरद पवार की पार्टी के विधायक और ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले उत्तम जानकर को भी सरकार की ओर से विशेष सुविधा दी जा रही है. सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी को उत्तम जानकर की सेवा में निजी सहायक के रूप में नियुक्त किया गया है. तो फिर सरकार शरद पवार की पार्टी के विधायकों पर इतनी मेहरबान क्यों है? यह प्रश्न अब पूछा जा रहा है.सभी ने साधी चुप्पी
हालांकि जयंत पाटिल खुद और भाजपा के मंत्री फिलहाल इस बारे में बात करने से बच रहे हैं, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों से खबर मिल रही है कि ये नियुक्तियां योग्यता के आधार पर की गई हैं. जबकि जयंत पाटिल के भाजपा के संपर्क में होने की चर्चा पहले से ही है. इसका क्या मतलब है कि अब उनकी सुरक्षा के लिए विशेष सरकारी अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं? इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में यह बात स्पष्ट हो जाएगी. लेकिन फिलहाल सरकारी स्तर पर कोई भी इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है.