संवददाता – शाहिद आलम
एण्डटीवी के शोज ‘अटल‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में दर्शक ऐसा ड्रामा, काॅमेडी और मनोरंजन देखेंगे, जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा होगा। एण्डटीवी के ‘अटल‘ की कृष्णा देवी, ऊर्फ नेहा जोशी ने कहा, ‘‘जब अटल घर लौटता है, तब एक आकस्मिक स्थिति उसे परेशान कर देती है। हालांकि, हालात एक गंभीर मोड़ लेते हैं, जब उसका दोस्त केशव उसे बताता है कि डांसरों की कम्युनिटी को उनके घरों से निकाला जा रहा है। अटल उनका साथ देने का फैसला करता है।’’ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कहानी के बारे में गीतांजलि मिश्रा, ऊर्फ राजेश ने बताया, ‘‘राजेश को पता चलता है कि कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) जो शराब पीती हैं, उसकी एक बोतल की कीमत 3000 रूपये है। राजेश इस बारे में हप्पू (योगेश त्रिपाठी) से बहस करती है और दबाव बनाकर कहती है कि शराब पर इतने पैसे खर्च नहीं होने चाहिये। इस पर अम्मा गुस्सा हो जाती हैं। इस बीच, बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) कोर्ट नहीं जा रहा है और उस पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। सभी के ताने बिमलेश (सपना सिकरवार) को झेलने पड़ रहे हैं। शराब पीते वक्त बेनी को एक आदमी मिलता है, जो एक्टर मधु रानी का बड़ा फैन है और उसकी किसी भी चीज के बदले खूब सारा पैसा दे सकता है। बेनी यह सुनकर मधु रानी के घर से उसके कपड़े चुराने लगता है और उस आदमी को बेचकर पैसे लेता है। बेनी तो अम्मा को भी अक्सर तोहफे देने लगता है और अम्मा को हप्पू से ज्यादा बेनी पर भरोसा हो जाता है। यहां तक कि वह, बेनी के साथ उसके घर में ही रहने चली जाती हैं।’’
एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की आगामी कहानी के बारे में आसिफ शेख, ऊर्फ विभूति नारायण मिश्रा ने बताया, ‘‘रामफल बाबा की सलाह पर अम्माजी (सोमा राठौड़) अपने सबसे बड़े बेटे के तौर पर विभूति (आसिफ शेख) को गोद ले लेती हैं। इस बीच, विभूति संयोग से डाम्बर (साहेब दास माणिकपुरी) नाम के एक स्मगलर को गोली लगने से बचा लेता है और बदले में वह विभूति को अपना बेटा बना लेता है। वह विभूति को अपने क्लब का मैनेजर बना देता है और तनख्वाह में 1.5 लाख रूपये देता है। विभूति के चाचाजी (अनूप उपाध्याय) को भी नौकरी मिल जाती है और दोनों उस क्लब में काम करने लगते हैं। विभूति क्लब के वेटर के तौर पर टीका (वैभव माथुर) और टीलू (सलीम ज़ैदी) को भी रख लेता है। उसी वक्त कमिश्नर (किशोर भानुशाली) तिवारी (रोहिताश्व गौड़) को एक सीनियर इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त करता है। इस नये काम से तिवारी रोमांचित है। कमिश्नर तिवारी को उस क्लब का केस सौंप देता है, जहाँ विभूति काम करता है, क्योंकि वहाँ से स्मगलिंग होने का शक है। तिवारी सबूत जुटाने के लिये अंगूरी (शुभांगी अत्रे) से कहता है कि वह क्लब में डांसर बन जाये और वह मान जाती है।’’