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तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। जहां मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कैबिनेट फेरबदल किया है। इस फेरबदल के तहत मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। राजभवन द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, उदयनिधि का शपथ ग्रहण समारोह रविवार को आयोजित किया जाएगा।
इस फेरबदल का एक और अहम पहलू सेंटिल बालाजी की कैबिनेट में वापसी है। बालाजी को पहले बिजली, उत्पाद शुल्क मंत्रालय दिया गया था। कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते कुछ समय के लिए बालाजी कैबिनेट से बाहर कर दिए गए थे। लेकिन अब उन्हें दोबारा कैबेनेट में शामिल कर लिया गया है।
पिछले हफ्ते उदयनिधि स्टालिन ने अपने उपमुख्यमंत्री बनने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा था कि इस तरह के फैसले मुख्यमंत्री द्वारा ही लिए जाएंगे। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था, “उपमुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका फैसला मुख्यमंत्री ही लेंगे। मेरे नाम पर मीडिया को किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।”
हालांकि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री अनबरासन ने कुछ दिनों पहले ही यह संकेत दिया था कि उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा जल्द ही हो सकती है। उन्होंने कहा था, “उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया जाएगा और सरकार एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर यह घोषणा करेगी।”
उदयनिधि स्टालिन उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाना तमिलनाडु की राजनीति में डीएमके की दीर्घकालिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। यह फैसला आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जहां पार्टी अपनी शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही है। उदयनिधि अब तक युवा कल्याण मंत्री के रूप में काम कर रहे थे, अब नई जिम्मेदारियी और भूमिका के साथ उभर कर आएंगे।
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