भ्रष्टाचारी नेताओं का किया पर्दाफाश।
संवाददाता शोएब म्यानुंर मुंबई
मलाड इस्ट महेंद्रा कॉलोनी के रहेवासी राष्ट्रीय भ्रष्टाचार एवं अपराध निवारक परिषद के ऑल इंडिया प्रेसिडेंट मोहन क्रिशनन ने मिडिया से बात करते हुए बताया कि समाज़ में फैला हुआ भ्रष्टाचार को मिटाना उंट के मुंह में जीरा जैसा है। भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए जो सरकारी संगठना है वो रुलींग पार्टीयों के कंट्रोल मे हैं। और पोलिटिकल प्रेसर में काम होते हैं। संस्था ने उनकी लड़ाई के अंतर गत कोई खिदकी कोई दरवाजा खुला नहीं छोड़ा है। इस लड़ाई के वजेह से संस्था को झूठे केसिस तड़ीपार की कार्रवाई और अंदर वर्ल्ड ट्रेड से नवाजा गया गया है। उन्होंने बताया कि कहीं जानवरों को मार ने का काम हो रहा है तो कहीं सोसायटी रिडेवलपमेंट को लेकर भ्रष्टाचार कीया जाता है तो कहीं पोलिटिकल लिडर जो नगर सेवक में हार ने के बाद भी उसे एम एल ए की सीट के लिए टीकट दिया जाता है। ऐसे भ्रष्ट नेता गण हैं जिन्हें पार्टी में प्रोत्साहन दिया जाता है। मुझे कीसी पार्टी से कुछ लेना देना नहीं है मगर ऐसे भ्रष्टाचारी नेताओं को टीकट देने से पहले पार्टी उस नेता का बायोडाटा चेक करें और बाद में पार्टी में समावेश करें। में किसी का नाम नहीं लेना चाहता मगर देश में कई ऐसे नाता हैं जो भ्रष्टाचारी हैं। नजदीकि पोलिस स्टेशन में अगर जाएं तो मामला दर्ज नहीं होता है आखिर क्यों ये सब हो रहा है? कौन है इसके पीछे। हमारा देश एक डेमो क्रेसी देश है संविधान से चलने वाला देश है फिर भी भ्रष्टाचार पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसका जिता जागता सबुत एस बी आई का इलेक्ट्रोल बॉन्ड है जिसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है और सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रोल बॉन्ड के पुरे को बेंड किया हुआ है फिर भी भ्रष्टाचार को लेजिटेमेट करने की सरकार द्वारा कोसिस किया गया है। अंत में उन्होंने बताया कि क्या हमारा देश भ्रष्टाचार से कभी मुक्त हो पाएगा? यां कुछ नया जन आंदोलन करने की जरूरत है।