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अमेरिका में BAPS स्वामिनारायण मंदिर में तोड़फोड़ का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। न्यूयॉर्क के मेलविल में हुई इस घटना पर भारत ने आपत्ति दर्ज कराई है। साथ ही साफ कर दिया है कि इस तरह की घटनाएं ‘अस्वीकार्य’ हैं। फिलहाल, इस मामले की जांच जारी है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस कोशिश में लगी हुई है।
न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘न्यूयॉर्क के मेलविले में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के पास संकेतक बोर्ड को विरूपित किये जाने की घटना अस्वीकार्य है।’ पोस्ट में कहा गया कि वाणिज्य दूतावास ‘समुदाय के संपर्क में हैं और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों के समक्ष यह मामला उठाया गया है।’
मेलविले, लॉन्ग आइलैंड के सफोल्क काउंटी में स्थित है और नासाऊ वेटरन्स मेमोरियल कोलिज़ीयम से लगभग 28 किलोमीटर दूर है, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 सितंबर को सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं। सोशल मीडिया पर सामने आई फुटेज के अनुसार, मंदिर के बाहर सड़क और प्रतीक चिह्नों पर स्प्रे पेंट से आपत्तिजनक शब्द लिखे गए। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि न्याय विभाग और गृह सुरक्षा विभाग को इस घटना की जांच करनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदू-अमेरिकन फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा, ‘उन लोगों की कायरता के बारे में समझना मुश्किल है, जो एक निर्वाचित नेता के प्रति गुस्सा दिखाने के लिए हिंदू मंदिर पर हमला करते हैं। हाल ही में हिंदू और भारतीय संस्थानों को मिली धमकियों के बाद हुए इस हमले को उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।’
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