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टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन और 300 विकेट पूरे करने वाले ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा की तारीफ करते हुए भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने कहा कि वह संपूर्ण खिलाड़ी हैं जो कभी भी मैच का रुख पलटने की क्षमता रखते हैं। जडेजा ने 74 मैचों में इस उपलब्धि को अपने नाम किया। सिर्फ इंग्लैंड के महान हरफनमौला इयान बॉथम ने उनसे कम मैचों में इस उपलब्धि को हासिल किया है। बॉथम ने 72 मैचों में 3000 टेस्ट रन और 300 विकेट का आंकड़ा छुआ था। 35 साल के जडेजा ने कानपुर टेस्ट के चौथे दिन बांग्लादेश की पहली पारी में हसन महमूद को आउट कर इस उपलब्धि को हासिल किया।
‘मेरे लिए जडेजा एक कंप्लीट पैकेज’
मोर्कल ने चौथे दिन के खेल के बाद कहा, ‘‘मेरे लिए वह एक कंप्लीट पैकेज है। आप जानते हैं, वह बल्लेबाजी करता है, वह गेंदबाजी करता है, वह मैदान पर ऐसा खिलाड़ी है जो जादू कर सकता है। वह ऐसा खिलाड़ी है जिसे आप हमेशा अपनी टीम में रखना चाहेंगे। वह पिछले कई वर्षों से भारत के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।’’ दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘300 क्लब में शामिल होना विशेष है। वह कभी मेहनत करने से पीछे नहीं हटता है और आप किसी खिलाड़ी में यही देखना चाहते हैं।’’
‘गेंदबाजी की साझेदारी काफी सफल’
जडेजा और रविचंद्रन अश्विन की जोड़ी पिछले कुछ वर्षों में प्रतिद्वंद्वी टीमों के बल्लेबाजों पर शिकंजा कसने में काफी हद तक सफल रही है। इन दोनों ने बल्लेबाजों को आसानी से रन बनाने का मौका नहीं दिया है। मोर्कल ने कहा, ‘‘वे लोग हैं जो आपको कोई कमजोर गेंद नहीं देते। आपको हमेशा रन बनाने के तरीके खोजने होंगे। दोनों गेंदबाज अगर एक साथ गेंदबाजी करते है तो बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उनकी गेंदबाजी की साझेदारी काफी सफल रही है।’’
‘ऐसा होना कभी अच्छा नहीं होता है’
बारिश और गीली आउटफील्ड के कारण भारत बनाम बांग्लादेश दूसरे टेस्ट में दो दिन का खेल पूरी तरह से धुल गया जबकि मैच के पहले दिन सिर्फ एक सत्र का खेल हो सका। मोर्कल का हालांकि मानना है कि टीम इंडिया इस मैच को जीतने के लिए पूरा जोर लगाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैच के दौरान समय और खेल का दिन बर्बाद होना कभी अच्छा नहीं होता है। मैं जानता था कि होटल में बैठना इन खिलाड़ियों के लिए बहुत निराशाजनक था। मेरे लिए यह देखना काफी प्रभावशाली था कि हमारे खिलाड़ी मैदान पर उतरने के साथ जिम से जुड़े अपने काम कर रहे थे, अपने शरीर की देखभाल कर रहे थे।’’
‘शुरुआत में यही हमारी योजना थी’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता था कि इस मैच में हमें मौका मिलेगा और हम सकारात्मक तरीके से उस पर अपना प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे थे। हमने जज्बा दिखाया कि इस समय भी हम परिणाम हासिल कर सकते हैं।’’ मोर्कल को भारतीय बल्लेबाजों के अति आक्रामक रवैये को देखकर कोई हैरानी नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से हमारे खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया वह देखना शानदार था। हमने पहले गेंदबाजी करते हुए दबाव बनाया और विकेट चटकाए और फिर बल्लेबाजी में इस तरह का जज्बा दिखाना शानदार रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिन की शुरुआत में यही हमारी योजना थी। हम परखना चाहते थे कि खुद को किस स्थिति तक पहुंचा सकते है और किस तरह से इस मैच को अपने पक्ष में कर सकते हैं।’’
‘ऐसा करने पर परिणाम मिलेगा’
भारत ने बांग्लादेश की दूसरी पारी में 26 रन पर दो विकेट चटका लिए हैं। मोर्कल ने कहा कि टेस्ट मैच दबाव बनाने के बारे में है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप लंबे समय तक दबाव कायम रख सकें तो आपको परिणाम मिलेंगे। मुझे लगता है कि इस टीम के पास बहुत अनुभव है और ये खिलाड़ी इन परिस्थितियों को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए वे जानते हैं कि उस पल में क्या महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह योजनाओं को मैदान में उतारने के बारे में है। आपके पास सबसे अच्छी योजनाएं हो सकती हैं लेकिन यदि आप इसे लंबे समय तक क्रियान्वित नहीं कर पाते हैं तो आप असफल हो जाएंगे।’’
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