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इजरायल के हवाई हमले में मारे गए हिजबुल्लाह चीफ को अस्थायी रूप से दफन किया गया है। हिजबुल्लाह के करीबी सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को हसन नसरल्लाह को एक गुप्त स्थान पर दफनाया गया। संगठन को डर था कि अगर सार्वजनिक तौर पर दफनाया गया तो इजरायल इस बड़े अंतिम संस्कार में शामिल लोगों को निशाना बना सकता है। 27 सितंबर को हसन नसरल्लाह को हवाई हमले में मारने के बाद इजरायल लगातार लेबनान में हमले कर रहा है।
अरब न्यूज में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक नसरल्लाह को तब तक के लिए अस्थाई जगह पर दफनाया गया है जब तक कि परिस्थितियां सामान्य नहीं हो जातीं। जैसे ही इजरायल के साथ चल रहा युद्ध किसी परिणाम पर पहुंचेगा उसके बाद नसल्लाह को पूरे सम्मान के साथ एक सार्वजनिक रूप से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के बाद दफनाया जाएगा।
अमेरिका से की थी अंतिम संस्कार तक इजरायल को रोकने की मांग
रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल्लाह की तैयारी नसरल्लाह को सम्मान के साथ एक बड़े सार्वजनिक समारोह के दौरान दफनाने की थी। लेकिन लेबनान में जारी इजरायली बमबारी के दौरान यह कार्यक्रम संभव नहीं था। नसरल्लाह के अंतिम संस्कार को सम्मानपूर्वक करने के लिए हिजबुल्लाह ने लेबनानी अधिकारियों के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका से मांग की थी कि वह गारंटी दे कि अंतिम संस्कार के दौरान इजरायल किसी भी प्रकार का कोई हमला नहीं करेगा। संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐसी किसी भी प्रकार की गारंटी देने से इंकार कर दिया, जिसके बाद हिजबुल्लाह की मौजूदा लीडरशिप ने नसरल्लाह को अस्थाई रूप से दफनाने का फैसला किया।
एक हफ्ते से अंतिम संस्कार के इंतजार में था नसरल्लाह
हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह की मौत पिछले हफ्ते 27 सितंबर को इजरायली हवाई हमले में हो गई थी। एक हफ्ते से हिजबुल्लाह की तरफ से नसरल्लाह को दफनाने का इंतजाम किया जा रहा था लेकिन इजरायल की तरफ से जारी बमबारी के बीच संगठन का सबसे बड़ा डर यही था कि अगर बड़े स्तर पर नसरल्लाह का अंतिम संस्कार किया गया तो उसके लाखों समर्थक उसकी एक झलक देखने के लिए सड़कों पर आ जाएंगे और ऐसे में इजरायली एयर फोर्स आसानी से उन सभी पर हमला कर सकती है। इसलिए इस्लाम के शिया पंथ का पालन करने वाले नसरल्लाह को शिया मुस्लिम रीति रिवाजों के जरिए अस्थाई रूप से दफन करने का फैसला लिया गया।
शिया मुस्लिम रीति रिवाज ऐसे अस्थायी दफनाने का प्रवाधान करते हैं, जब किसी विशेष परिस्थिति में उचित तरीके से अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता या व्यक्ति की इच्छा के अनुसार उसे नहीं दफनाया जा सकता है तो फिर ऐसे अस्थाई तौर पर दफनाया जाता है।
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