Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के आगे बढ़ने के साथ अब नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। मनसे चीफ राज ठाकरे के तंज पर रामदास अठावले ने पलटवार किया है। अठावले ने अपनी गरीबी का जिक्र करते हुए विक्टिम कार्ड खेला है। अठावले ने कहा वह छोटे जरूर हैं लेकिन जिसे सपोर्ट करते हैं उसे सत्ता मिलती है।
महाराष्ट्र में राज ठाकरे और रामदास अठावले में जुबानी जंग
राज ठाकरे के कटाक्ष पर केंद्रीय मंत्री ने किया बड़ा पलटवार
राज ठाकरे ने 30 अक्तूबर को अठावले पर की थी टिप्पणी
अठावले ने इसके बाद बेटे अमित ठाकरे पर किया था वार
महाराष्ट्र में रामदास अठावले और राज ठाकरे में ठनी।
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बीच अब जुबानी जंग का सिलसिला शुरू हो गया है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे के बयान पर कहा है कि उन्हाेंने जब जिसको समर्थन किया है उसे सत्ता मिली है। राज ठाकरे ने पिछले दिनों टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि रामदास अठावले जैसा मंत्री बनने से बेहतर है कि पार्टी ही खत्म कर दूं। राज ठाकरे के इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था कि अठावले ने पलटवार करते हुए कहा था कि माहिम से चुनाव लड़े अमित ठाकरे की एकमात्र योग्यता है कि वह राज ठाकरे के बेटे हैं।
मित्र बताकर किया पलटवार
अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि उन्हें बयान देने का अधिकार है लेकिन उन्होंने मेरे बारे में जिस तरह का बयान दिया है वो ठीक नहीं है। राज ठाकरे हमारे अच्छे मित्र हैं। उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की महाराष्ट्र में बहुत अच्छी पकड़ बनाई है हालांकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को सीटें जीतने में उतनी सफलता नहीं मिली है। जब मैं कांग्रेस के साथ था तब भी मुझे मंत्री पद मिला था और जब मैं भाजपा-शिवसेना के साथ आया तब भी मुझे सत्ता मिली थी। मेरी ताकत भले ही छोटी है लेकिन किसे चुनना है और समर्थन देना है, इतनी ताकत मैं रखता हूं।
मेरी मां खेतों में काम करती थीं
अठावले ने कहा कि राज ठाकरे का ये बयान ठीक नहीं था हालांकि अगर उन्होंने ऐसा बयान दिया है तो इससे मुझे कोई नाराजगी नहीं है। मैं दलित तांत्रिक आंदोलन से काम करता आया हूं। मेरी मां खेतों में काम करती थी। मैं शिक्षा के लिए मुंबई आया था। झुग्गी-झोपड़ी के लोगों को पक्का मकान मिले, रोजगार मिले, मराठा समाज को आरक्षण मिले, ऐसे कई मुद्दों पर मैंने संघर्ष किया है। मैं उनके(राज ठाकरे) बयान को बहुत गंभीरता से नहीं लेना चाहता हूं।