सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को हीरा गोल्ड एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक नौहेरा शेख की दो संपत्तियों की नीलामी की अनुमति दे दी। नोहेरा शेख पर पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों को धोखा देने का आरोप है। यह फैसला जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने सुनाया
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर जनरल की 200 करोड़ रुपये की दो संपत्तियों की नीलामी की अनुमति दे दी है। ये संपत्तियां हीरा गोल्ड एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर नोहेरा शेख की हैं, जिन पर पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों को धोखा देने का आरोप है।
जस्टिस जे बी वाला और आर महादेवन की पीठ ने यह आदेश दिया। ED ने इस फैसले का स्वागत किया है और पीड़ितों को संपत्तियां वापस दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ED का कहना है कि वह इस धोखाधड़ी में फंसे निवेशकों को न्याय दिलाना चाहता है।
शेख ने अपनी संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नीलामी की अनुमति दी। उन्होंने तीन संपत्तियों की सूची दी थी – हैदराबाद के बंजारा हिल्स में स्थित नैना टावर्स जिसकी बाजार कीमत 90 करोड़ रुपये है, हीरा फूडेक्स जिसकी कीमत 120 करोड़ रुपये है, और हीरा रिटेल (हैदराबाद) प्राइवेट लिमिटेड जिसकी कीमत 753 करोड़ रुपये है। हालांकि, अदालत ने केवल पहली दो संपत्तियों की बिक्री की अनुमति दी क्योंकि तीसरी संपत्ति के कुछ दस्तावेज गायब थे।