महाराष्ट्र के नागपुर में सीएम फडणवीस की नई कैबिनेट बनकर तैयार हो गई है। रविवार को कैबिनेट के नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। कुल 39 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही अब महाराष्ट्र के मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या 42 हो गई है। इससे पहले शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के एक विधायक नरेंद्र भोंडेकर मंत्री पद नहीं मिलने से रूठ गए और उन्होंने नाराज होकर पार्टी के उपनेता और विदर्भ क्षेत्र के समन्वयक पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन नरेंद्र भोंडेकर ने विधायक पद से अभी इस्तीफा नहीं दिया है।
भोंडेकर रूठे, किया ये दावा
इस्तीफा देने के साथ ही नरेंद्र भोंडेकर ने दावा किया कि उनसे पहले मंत्री पद का वादा किया गया था लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में कोई जगह नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मैंने डिप्टी सीएम और पार्टी के नेता एकनाथ शिंदे, वरिष्ठ नेता उदय सामंत और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को कई बार मैसेज किया लेकिन उनकी तरफ से मुझे कोई जवाब नहीं मिला, मैं क्या करता इसके बाद मैंने इस्तीफा दे दिया। बता दें कि भोंडेकर भंडारा-पवनी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
आठवले, भुजबल, केसकर को भी नहीं मिली जगह
बता दें कि पीआरआई प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले भी अपनी पार्टी के लिए मंत्री पद की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें भी फडणवीस की कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। इसके बाद आठवले ने भी कहा है कि वह इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं अमित शाह और जेपी नड्डा से बात करेंगे। एनसीपी नेता छगन भुजबल को भी नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली इस कारण वे शपथ ग्रहण समारोह से पहले पार्टी की बैठक में भी मौजूद नहीं थे।
इन दोनों नेताओं के साथ ही शिवसेना के पूर्व प्राथमिक शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को भी मंत्री पद नहीं मिला है और वे भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा, “जिन्हें कॉल आया, वे गए, अब विधायक के रूप में मुझे विधानसभा सत्र में जाना होगा, और मैं जाऊंगा।”