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2024 लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आई मोदी सरकार आने वाले लोकसभा के सत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनाए हुए डीपफेक विडियो और फोटोज पर नजर रखने के लिए डिजिटल इंडिया बिल लाने की तैयारी में हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की तरफ से लाए जाने वाले इस बिल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को और बेहतर तरीकों से इस्तेमाल करने के पर भी ध्यान देने का प्रयास किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इस बिल का नाम डिजिटल इंडिया होगा। सरकार इस बिल को सदन में पेश करने से पहले सभी पार्टियों के साथ इस पर सहमति बनाने का प्रयास करेगी। आगामी लोकसभा सत्र में डीपफेक के अलावा यूट्यूब, फेसबुक और दूसरे विडीयो प्लेटफार्मों को रेग्यूलेट करने के लिए भी कानून आ सकता है।
लोकसभा का अगला सत्र जो कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र होगा। यह 24 जून से शुरू होगा और 3 जुलाई तक चलेगा, फिर उसके बाद 22 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू होगा जो कि 9 अगस्त तक चालू रहेगा। इस साल की शुरूआत में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इस बिल के बारे में संकेत किया था। चंद्रशेखर ने तब कहा था कि हम इस बारे में सोच रहे हैं और इसको नई सरकार द्वारा लागू किया जाएगा। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि हम चुनाव के पहले इस बिल को लेकर तैयार हो पाएंगे। यह बिल सदन में पेश करने से पहले हमें कई चीजों को देखना होगा, कई मुद्दों पर सलाह लेनी होगी तब जाकर हम इसे सदन में लाने के लिए तैयार हो पाएंगे।
क्या है डीपफेक
डीपफेक एक टेक्नोलॉजी है जिसने कुछ समय से लगातार लोगों के मन में संदेह पैदा किया है। भ्रमित करने वाला कंटेंट और लोगों कि प्रायवेसी को भंग करने वाली यह टेक्नोलॉजी लगातार सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई थी। लोकसभा चुनावों के पहले चुनाव आयोग ने भी डीपफेक को लेकर अपनी चिंता जताई थी। फिल्म अभिनेत्री रश्मिका मंधाना की एक डीपफेक विडियो वायरल हुई थी जिसके बाद सभी ने इसको लेकर चिंता जताई थी।
इसी साल अप्रैल में मुंबई पुलिस महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट और 16 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, क्योंकि इस हैंडल से गृहमंत्री अमित शाह का एक डीपफेक विडियो डाला गया था, जिसमें वह एसी एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन में कटौती करने की घोषणा कर रहे थे।
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