नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्रिटेन में जमा अपने सोने को वापस मंगवा लिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस कदम से सोने के स्टोरेज में लगने वाली लागत कम होगी। प्राप्त खबर के मुताबिक, आने वाले दिनों में 100 टन सोना और भारत बुलवाया जा सकता है। दरअसल आरबीआई अपने गोल्ड रिजर्व (सोना स्टॉक) में से आधे से ज्यादा को बैंक ऑफ इंग्लैंड और ‘बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट’ की सेफ कस्टडी में रखता है। जबकि एक तिहाई को देश में स्टोर किया जाता है।
बता दें कि एक समय ऐसा भी आया था जब भारत सरकार ने अपना कुछ सोना विदेश में सेफ वाल्ट में जमा करने के बजाय गिरवी भी रखा था। वह साल 1991 था जब मौजूद सरकार ने वित्तीय संकट को निपटाने के लिए भारत सरकार के सोने को गिरवी भी रखा था। उस वक्त आरबीआई ने बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था ताकि वह 400 मिलियन डॉलर इकट्ठा कर पाए। हालांकि, उसके बाद भारत ने गिरवी रखे सोने को छुड़वा लिया था। विदित हो कि आरबीआई ने लगभग 15 साल पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 200 टन सोना खरीदा था। विस्तृत जानकारी अनुसार सन 2009 में यूपीए कार्यकाल के दौरान जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब भारत ने अपनी परिसंपत्तियों में विविधता लाने के लिए 6.7 अरब डॉलर कीमत का 200 टन सोना खरीदा था। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के बदलते हालात आत्मविश्वास को दर्शाता है, जो 1991 की स्थिति के बिल्कुल अलग उत्तरोत्तर उन्नति की और बढ़ता रहा है।
वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, हाल के वर्षों में सोना खरीदने वाले विश्व की केंद्रीय बैंकों में आरबीआई प्रमुख है, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 27.5 टन सोना अपने भंडार में शामिल किया है।
प्राप्त ख़बर के अनुसार 26 अप्रैल तक आरबीआई के पास करीब 827.7 टन सोना था, जिसमें से 413.8 टन सोना विदेश में रखा है।
अब इस सोने को धीरे-धीरे भारत लाया जा रहा है।
इस गोल्ड रिजर्व के बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारत के प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने आज एक्स पर पोस्ट कर 100 टन सोना भारत लाने की जानकारी दी।
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि ‘भारत अब अपना अधिकांश सोना अपनी तिजोरियों में रखेगा।’
इकोनॉमिस्ट संजीव सान्याल ने आगे लिखा, ‘अब भारत अपना ज्यादातर सोना अपने खुद के भंडार में रखेगा।’
उन्होंने लिखा, ‘जब कोई नहीं देख रहा था तब आरबीआई ने ब्रिटेन से अपने गोल्ड रिजर्व का 100 टन सोना वापस बुलवा लिया। ज्यादातर देश बैंक ऑफ इंग्लैंड या कुछ ऐसी ही जगहों पर अपने गोल्ड को वॉल्ट् (तिजोरियों) में रखते हैं, जिसके लिए वे एक फीस भी चुकाते हैं। अब भारत अपना ज्यादातर सोना अपने भंडार में रखेगा। हम अब 1991 से काफी दूर आ चुके हैं, जब हमें एक संकट के बीच रातों-रात अपना सोना बाहर भेजना पड़ा था।’
कैसे लाया गया इतना सोना, जानें इनसाइड स्टोरी
हालांकि, इतनी बड़ी मात्रा में लंदन से नई दिल्ली तक सोना लाने में महीनों का समय लगा। इसके लिए महीनों का समय और सुव्यवस्थित योजना की जरूरत थी। साथ ही दोनों देशों की विभिन्न एजेंसियों की सहमति और क्लीयरेंस की भी इसमें जरूरत पड़ी, तब कहीं जाकर ब्रिटेन से सोना भारत की तिजोरी में पहुंचा।
सोना लाने की पूरी प्रक्रिया को सीक्रेट रखा गया, साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे। इसके लिए आरबीआई को सीमा शुल्क में छूट दी गई, केंद्र को इस सॉवरेन एसेट पर रेवेन्यू छोड़ना पड़ा, लेकिन आयात पर लगने वाले एकीकृत जीएसटी से कोई छूट नहीं थी, क्योंकि कर राज्यों के साथ साझा किया जाता है। 1 लाख टन सोना किसी आम विमान में नहीं आ सकता था, इसलिए एक विशेष विमान की व्यवस्था की गई।
ज्ञात हो कि मुंबई के मिंट रोड के साथ-साथ नागपुर में आरबीआई के पुराने कार्यालय भवन में सोना रखा जाता है। इन दोनों जगह पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहते हैं। 24 घंटे यहां सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रिटेन से लाया गया सोना भी यहीं रखा गया होगा। हालांकि, इसकी अभी तक कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।
विश्व भर के केंद्रीय बैंकों के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड (BOI) काफी समय से बड़ा भंडारगृह रहा है। भारत आजादी के पहले से लंदन के बैंक में अपना सोना रखता रहा है।
एक खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया, “आरबीआई ने कुछ साल पहले सोना खरीदना शुरू किया था। और यह समीक्षा करने का फैसला किया था कि वह कहां-कहां से भारत का सोना वापस ला सकता है। चूंकि विदेशों में स्टॉक बढ़ रहा था, इसलिए कुछ सोना भारत लाने का निर्णय लिया गया. साथ ही भविष्य की परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।”
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि
आरबीआई ने बताया कि भारत के पास विशाल विदेशी मुद्रा भंडार है। आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले कारोबारी साल तक विदेशी मुद्रा भंडार में 822.10 टन सोना था। वहीं, फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में विदेशी मुद्रा भंडार में 794.63 टन से ज्यादा का सोना था।
बैंकिंग विभाग की संपत्ति के रूप में रखे गए सोने का मूल्य 31 मार्च, 2023 तक 2,30,733.95 करोड़ रुपए से 19.06 प्रतिशत बढ़कर 31 मार्च, 2024 तक 2,74,714.27 करोड़ रुपए हो गया।
विदित हो कि हर साल सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। दुनिया में सोने की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। सोने की कीमतों में इजाफा की वजह पश्चिम एशिया में लंबे समय तक चले भू-राजनीतिक संघर्ष भी है। वहीं, आरबीआई सहित कई केंद्रीय बैंकों द्वारा गोल्ड खरीदारी और भौतिक सोने की मांग में वृद्धि की वजह से भी गोल्ड की कीमतों में तेजी आई है।
वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंक सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं, जिसे अक्सर मुद्रा की अस्थिरता और भू-राजनीतिक जोखिमों के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है।