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भाजपा नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी ही पार्टी के 400 पार नारे के खिलाफ हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 400 पार का नारा झूठा था। टीवी वाले मुझसे पूछते थे कि क्या 400 पार होगा तो मैं कैसे बोलता? राव इंद्रजीत ने भाजपा की हरियाणा ईकाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राव ने आगे कहा कि यदि देहात के इलाकों में मेरे कार्यकर्ता नहीं होते तो शायद मैं यह चुनाव हार चुका होता।
राव की जीत का अंतर हुआ कम
दरअसल राव इंद्रजीत गुड़गांव लोकसभा सीट पर कांग्रेस के नेता राज बब्बर से 80 हजार से ज्यादा वोटों जीते हैं लेकिन उनकी जीत का अंतर पिछले दो चुनावों से बहुत कम हो गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां वह 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे तो वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने के बाद भी वह बड़े अंतर से जीते थे।
पुराने विरोधियों से परेशान
2014 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में आए राव के पीछे उनके कई पुराने विरोधी भी भाजपा में आ गए। ऐसे करीब सात से आठ हैं जिनमें से कई सांसद तो कई विधायक पद के दावेदार हैं। इन नेताओं ने पार्टी के लिए मंच पर आकर एकजुटता नहीं दिखाई। भाजपा के शीर्ष नेता इस सीट को सबसे सुरक्षित मान कर चल रहे थे, लेकिन राज बब्बर के सामने राव को यह सीट जीतने में अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा।
15 दिन में ही मुकाबले में आ गए राज बब्बर
गुडगांव सीट से चुनाव लड़ रहे राजबब्बर ने राव को कड़ी चुनौती दी। दोपहर दो बजे तक वह आगे चलते रहे। कांग्रेसी नेता पंकज डाबर ने कहा कि टिकट फाइनल होने में देर हुई अगर यह कुछ दिन पहले घोषित हो जाता तो नतीजा कुछ और हो सकता था। केवल 15 दिन के चुनाव प्रचार ने राज बब्बर को लड़ाई में ला दिया।
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