अयोध्या : श्री राम मंदिर मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि पहली बरसात में ही जहां, राम लला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी चूने लगा है, साथ ही बाकी जगहों पर भी पानी चूने लगा है। उन्होंने इसकी जांच की मांग की है।
उन्होंने सवाल खड़ा किया की जिस मंदिर को बनाने में देश के टॉप इंजीनियर्स जुटे हैं। वहां छत से बारिश का पानी टपकना बड़ी बात है।
ऐसे लोग मंदिर में कार्य कर रहे हैं जो विश्व प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। इंजीनियर लोग किस प्रकार की व्यवस्था किए हैं जिस कारण पानी भर रहा है। यह बहुत ही निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि इस बार की बरसात में गर्भगृह के ठीक सामने पुजारी के स्थान पर और वीवीआईपी दर्शन करने वाले स्थान पर पानी टपक रहा था।
बता दें कि दो दिन पहले ट्रस्ट ने गर्भगृह से पानी निकासी न हो पाने का मुद्दा उठाते हुए निर्माण सामिति व कार्यदायी संस्थाओं को कठधड़े में खड़ा किया था।
विदित हो कि आचार्य सत्येंद्र दास ने पिछले वर्ष दिसंबर में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले एक इंटरव्यू में भाव विभोर होते हुए कहा था कि “एक समय ऐसा भी था, जब बारिश पड़ती थी तो उनको बड़ा कष्ट होता था, क्योंकि जब बारिश होती थी तो पानी की छीटें भगवान के ऊपर पड़ने लगती थीं और उसे रोकने का कोई उपाय नहीं होता था।”
जुलाई 2025 तक मंदिर का निर्माण असंभव’
इसी के साथ मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राम मंदिर के निर्माण कार्य पर बोलते हुए कहा कि “जुलाई 2025 तक की तय समय सीमा में काम का पूरा होना असंभव है, क्योंकि अभी बहुत कुछ बाकी है बनाने को लेकर लेकिन अगर ऐसा कहा जा रहा है तो मान लेता हूं।”