1268 गांवों में नल कनेक्शन का काम पूरा
लियाकत शाह
जलगांव. जिले में जलजीवन मिशन के तहत जो योजनाएं क्रियान्वित नहीं हुई हैं उन्हें तत्काल प्रारंभ किया जाए. जिन ठेकेदारों ने काम लिया है और समय पर काम पूरा नहीं किया है, उन पर 3C के तहत कार्रवाई कर उनसे वसूली की जाए. बिजली कनेक्शन के अभाव में अधूरी पड़ी जलापूर्ति योजनाओं को तत्काल शुरू किया जाए. इसी तरह जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलारब पाटिल ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिन स्थानों पर जल स्रोत सूख गए हैं, वहां भूजल सर्वेक्षण कर नए स्रोत की खोज की जाए. बुधवार को जलगांव जिले में जलजीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति योजनाओं की समीक्षा बैठक मंत्री गुलाबराव पाटिल की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित की गई. वह इसी मौके पर बोल रहे थे.
इस बैठक में राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल, विधायक चिमणराव पाटिल, विधायक संजय सावकारे, विधायक किशोर पाटिल, विधायक लता सोनवणे, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव संजय खंदारे, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के सदस्य सचिव बी कृष्णा, मिशन निदेशक ई रवींद्रन, जलगांव जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंकित, भूजल सर्वेक्षण और विकास प्रणाली के आयुक्त डॉ विजय पखमोड़े, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के मुख्य अभियंता सुभाष भुजबल, कार्यकारी अभियंता जीएस भोगवड़े, कार्यकारी अभियंता एस सी निकम, सदस्य और जलगांव जिले के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित थे.
गुलाबराव पाटिल ने कहा कि जलगांव जिले में जलजीवन मिशन कार्यक्रम के तहत जिला परिषद के माध्यम से कुल 1359 योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं. इन योजनाओं में से 1193 योजनाएं प्रगति पर हैं और 166 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और चालू हो चुकी हैं. इसी प्रकार, जलजीवन मिशन कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा कुल 26 योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं. इनमें से 22 योजनाएं प्रगति पर हैं. साथ ही 4 योजनाएं लागू की गई हैं.
2 योजनाएं 100% भौतिक रूप से पूर्ण हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जिले के लिए कुल 1205 करोड़ 58 लाख की धनराशि वितरित की गई है. जिले में कुल 1486 गांव हैं जिनमें से 1268 गांवों को जोड़ा जा चुका है. उनमें से 1010 गांवों को ‘हर घर जल’ घोषित किया गया. 631 गांवों का हर घर जल प्रमाणीकरण पूरा हो चुका है. जिले में कुल 690798 परिवारों में से 2 जुलाई तक 690324 परिवारों को परिचालन घरेलू जल कनेक्शन दिया गया है. इसी प्रकार जिले में जलापूर्ति योजनाओं के लिए चिन्हित स्रोतों की संख्या 1031 है. गुलाबराव पाटिल ने कहा कि 787 स्रोतों (76.30%) की जीओ टैगिंग पूरी हो चुकी है.